60 लाख के वृद्धाश्रम में बजुर्गो के नसीब में भोजन भी नहीं

भागलपुर : नाथनगर के मसकन बरारीपुर में 2014 में 60 लाख की लागत से शानदार वृद्धाश्रम भवन बनाया गया था. मगर ये सिर्फ एक भवन ही रह गया. निर्माण के बाद से ही सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी. स्थिति यह कि यहां बचे सात में चार बुजुर्गो को दो वक़्त का भोजन भी नसीब नहीं हो रहा हैं. वें लोग सामाजिक संस्थाओ और समाज के लोगों के सहयोग से किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अव्यवस्था के कारण कई वृद्ध आश्रम छोड़ कर चले गए हैं. 08 माह से विवादों में घिरे होने के बावजूद वृद्धाश्रम के लिए बनी योजना भी निगम की फाइलों की शोभा बड़ा रही हैं.

कुछ माह पूर्व डिप्टी मेयर द्वारा अनियमितता पकड़े जाने के कारण खाना बनाने वाली एजेंसी भी भाग गई. स्थिति के लिए निगम भी कम जिम्मेदार नहीं है. निगम के द्वारा बनाई गई वृद्धाश्रम संचालन कमेटी अपना काम नहीं कर रही हैं. ओल्ड एज होम में रह रहे बुजुर्ग श्यामा चरण सिन्हा, विजय कुमार, अशोक दास, विजय नंदन पोद्दार ने बताया कि उन लोगों को छत के सिवा और कुछ नहीं मिल रहा है. चार माह से भोजन की व्यवस्था भी खुद करनी पड़ रही है.

श्यामा चरण सिन्हा ने बताया कि वृद्धा पेंशन की राशि से सत्तू खरीदकर पेट भरना पड़ रहा है. अब तो राशि भी समाप्त हो चुकी है. ऐसे में पेट भरने के लिए अब मोहल्ले के लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा. बरियारपुर के विजय नंदन पोद्दार ने कहा कि बेऔलाद हूं. स्थानीय लोगों घर पर कब्जा कर लिया था. मजबूरी में मकान बेचना पड़ा. 75 हजार रुपये मिले थे. खुद की व्यवस्था में वे भी खर्च हो गए. अब क्या करूं, सोचकर परेशान हो रहा हूं. बुजुर्ग विजय ने बताया कि उन्हें पार्षद नेजाहत अंसारी एक समय का भोजन करा रहे हैं. निगम के अधिकारी आश्वासन तो दे देते हैं पर व्यवस्था नहीं करते.

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