मुरादाबाद : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह खबर चिंता बढ़ाने वाली है कि उन्हीं के शासन में दलित उत्पीड़न से आहत होकर 50 परिवारों ने हिन्दू धर्म त्याग दिया. धर्म परिवर्तन की खबर लगते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. एलआईयू की टीम ने मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को जानकारी भेजी. मिली जानकारी के अनुसार भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय मुख्य संचालक लल्ला बाबू द्रविड़ के नेतृत्व में करीब 50 परिवारों के लोग जिगर कालोनी के पास रामगंगा नदी में पहुंचे और उन्होंने हिन्दू धर्म के देवी देवतों की मूर्ति नदी में विसर्जित कर दी. लल्ला बाबू ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी विधायक और मंत्रियों के दबाव में दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है.सहारनपुर, संभल व अन्य जिलों में ऐसी घटनाएं सामने आई है. मुरादाबाद में आरटीओ दफ्तर पर बीजेपी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने दलितों पर गोलियां चलाईं. इसके बाद दलितों पर ही केस दर्ज कर दिया गया. लल्ला बाबू ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया,दलितों पर दर्ज केस खत्म नहीं किया और उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह जल्द ही इस्लाम धर्म अपना लेंगे.द्रविड़ ने यह भी बताया कि जो खुद को सपाई बताकर गुंडागर्दी कर रहे थे, अब वो ही भगवा अंगोछा डालकर भाजपाई बन गए हैं. ठेकेदारी और अवैध वसूली शुरू कर दी गई है. यह भी देखें योगी आदित्यनाथ ने सांप्रदायिकता पर नए सिरे से बहस का किया आह्वान यूपी के BJP विधायक ने दी अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन की चेतावनी