भारत में ऐसे बहुत से मंदिर है जो चमत्कारी है और अपने चमत्कारों के कारण लोगों को यह सोचने पर विवश कर देते है कि आज भी दुनिया में ईश्वरीय शक्ति मौजूद है ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले के विजय नगर में स्थित है जहां बड़ी माता अपने दिव्य स्वारूप में पाती के माध्यम से भक्तों के प्रश्नों का उत्तर देती है. आइये जानते है इस मंदिर की विशेषता व इसका इतिहास क्या है? ऐसी मान्यता है कि विजयनगर में माता के परम भक्त और उपासक चुन्नीलाल टांक एक राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में वाणिज्य के व्याख्याता के रूप में पदस्थ थे जो सादगी से अपना जीवन व्यतीत कर अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करते थे. विजयनगर में बड़ी माता का मंदिर कई वर्षों से विद्यमान है एक दिन मंदिर के पुजारी को स्वप्न में माता ने दर्शन देकर कहा की मेरे भक्त चुन्नीलाल को मेरे समक्ष उपस्थित कर फूल व पाती के माध्यम से उन्हें मुझसे प्रश्न पूंछने को कहो. अगली सुबह मंदिर के पुजारी ने चुन्नीलाल को सन्देश दिया और उन्होंने माता के समक्ष एक पाती पर अंग्रेजी में एक प्रश्न पूंछा प्रश्न पूंछते समय मन में यह भावना थी की क्या माता अंग्रेजी में उनके प्रश्नों का उत्तर दे पाएंगी. उसी रात्री को माता चुन्नीलाल के स्वप्न में आकर उनके द्वारा पूंछे गए प्रश्न का जवाब देकर यह भी कहा कि मेरे ही आशीर्वाद से तुम्हें अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त हुआ है. इस स्वाप्न के कुछ दिनों के बाद चुन्नीलाल के साथ एक अजीबो गरीब घटना घटी जिसने उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया. एक दिन उन्होंने अपने आप को अपने घर से चार किलोमीटर दूर माता के मंदिर में पड़ा पाया जबकि वह वहां गए ही नहीं थे. इस घटना से चुन्नी लाल में बहुत बड़ा बदलाव आया और उन्होंने अपना जीवन माता को समर्पित कर दिया. और तभी से यह मंदिर प्रसिद्ध होने लगा. और आज भी जो भक्त सच्चे मन से पाती पर लिखकर माता से अपने प्रश्न का उत्तर पूंछता है उसका उत्तर माता की मूर्ती पर लगे सिंदूर से गिरे अंश के माध्यम से मिल जाता है. इस मंदिर में नाग देवता करते हैं शिवजी की पूजा जानिए कहाँ किया था सीता जी ने धरती में प्रवेश प्राकर्तिक नजारों का मजा लेने के लिए बेस्ट है ये जगहें महाशिवरात्रि पर ऐसे करे शिवाराधना