भोपाल: भारत में कृषि क्षेत्र की सफलता काफी हद तक सिंचाई पर निर्भर करती है। हालांकि, आज भी बड़े आंकड़े में किसान सिंचाई के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। पानी की अनुपलब्धता, बिजली कनेक्शन की कमी एवं कृषि पंप जैसे उपकरणों की व्यवस्था करने में किसानों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह समस्याएं न केवल उनकी उत्पादकता को प्रभावित करती हैं, बल्कि खेती में उनका खर्च और श्रम भी बढ़ा देती हैं। बिजली कनेक्शन की कमी कई किसान सिंचाई के लिए डीजल पंप का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उन्हें बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाता। डीजल पंप का उपयोग न केवल महंगा है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। किसानों का एक बड़ा हिस्सा बिजली कनेक्शन की सुविधा न होने के कारण खेती में आत्मनिर्भर नहीं हो पाता। मध्य प्रदेश सरकार की नई पहल मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों को सिंचाई से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब किसानों को मात्र 5 रुपये में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। कैसे मिलेगा स्थायी कृषि पंप कनेक्शन? मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नियमों के मुताबिक, लो टेंशन (एलटी) पोल से जुड़ी सर्विस लाइन की सुरक्षा जांच के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 5 रुपये में नया स्थायी कृषि कनेक्शन दिया जाएगा। बिजली कंपनी सरल संयोजन पोर्टल के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके तहत, 1200 रुपये प्रति हॉर्स पावर की सुरक्षा निधि किसान के पहले बिजली बिल में शामिल की जाएगी। सरकार की योजना मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव के अनुसार, राज्य सरकार अगले चार साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लिए प्रयासरत है। इस के चलते, एक लाख 25 हजार अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। अगले पांच साल में सिंचाई क्षमता को 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जो पशुपालक 10 या अधिक गायों का पालन करेंगे, उन्हें सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। सोलर पंप की भूमिका देश के कई किसान आज भी बिजली कनेक्शन की कमी की वजह से डीजल पंप का उपयोग करते हैं, जिससे न केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि खेती की लागत भी बढ़ जाती है। डीजल की खरीद में किसानों का बड़ा हिस्सा खर्च होता है। ऐसे में सरकार सोलर पंप की सुविधा उपलब्ध करा रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली पहुंचाना कठिन है। सोलर पंप, डीजल पंप की तुलना में अधिक किफायती हैं एवं किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो रहे हैं। 'अमित शाह इस्तीफा दो, माफ़ी मांगो..', अंबेडकर विवाद पर विपक्ष का प्रदर्शन जारी जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 40 गाड़ियों में लगी आग, 5 लोग जिंदा जले, अस्पताल पहुंचे CM भजनलाल शर्मा 'नियम कल्याण के लिए, वसूली के लिए नहीं', गुजारा भत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी