इस तरह करें हनुमान जी की पूजा, मिटेगा हर संकट

कहते हैं कि कलियुग में हनुमान जी ही स्थायी ईश्वर हैं। हनुमानजी की लगातार भक्ति करने से भूत-पिशाच, शनि तथा ग्रह बाधा, रोग एवं शोक, कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन से छुटकारा, मारण-सम्मोहन-उच्चाटन, हादसे-दुर्घटना से बचना, मंगल दोष, कर्ज से छुटकारा, बेरोजगार तथा तनाव या चिंता से छुटकारा प्राप्त हो जाता है। कहते हैं कि हनुमान जी की कृपा जिस पर बरसना आरम्भ होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। 10 दिशाओं एवं चारों युग में उनका प्रताप है। जो कोई भी शख्स मंगलवार को उनकी आराधना करता है वह हर खतरे से दूर हो जाता है। अपने डर पर नियंत्रण पाने के लिए हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि कलियुग में हनुमान जी की भक्ति ही व्यक्तियों को दुख तथा खतरे से बचाने में समर्थ है।

मंगलवार को बजरंगबली के 12 नाम को याद करने से न केवल उम्र में बढ़ोतरी होती है बल्कि सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति भी होती है। हनुमानजी अपने श्रद्धालुओं की दसों दिशाओं तथा आकाश-पाताल से रक्षा करते हैं। हनुमानजी सर्वशक्तिमान एवं सर्वोच्च देव हैं। हनुमानजी की कृपा पाने के लिए कुछ तरीकों को अपनाना आवश्यक है। इसके लिए सबसे पहले आप अपने घर में हनुमानजी का एक अच्‍छा से चित्र अथवा प्रतिमा स्थापित करें और हर मंगलवार उसकी पूजा करें। आइए जानते जैं बजरंगबली की सेवा करने के विशेष 10 तरीकों के बारे में...

हर रोज हनुमान चालीसा पढ़ें, वह भी एक ही स्थान पर बैठकर। हर रोज हनुमानजी के समक्ष तीन कोनों वाला दीया जलाएं। दीया में चमेली का तेजल अवश्य रखें। जब भी इच्छा हो हनुमानजी को चौला चढ़ाएं, बीड़ा चढ़ाएं तथा गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं। हनुमंते नमः का हजार दिन 108 बार जाप करें या साबरमंत्र को सिद्ध करें। महीने में एक बार सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ अवश्य करें। सिद्ध किया हुआ हनुमानजी का कड़ा पहनें। यह कड़ा पीतल का होना चाहिए। हनुमानजी को मंगलवार, शनिवार तथा हनुमान जयंती पर केसरिया बूंदी लड्‍डू, इमरती, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई-मिश्री के लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। हनुमानजी के साथ-साथ प्रभु श्री राम, लक्ष्मण एवं सीता माता की भी आराधना अच्छे से करें। हर मंगलवार को उपवास रखकर विधिवत रूप से हनुमानजी की आराधना करें। अगर आप घोर संकट से घिरे हैं या आप हनुमानजी की पूर्ण भक्ति करना चाहते हैं तो फिर आपको मांस, मदिरा तथा सभी प्रकार का व्यवसन त्याग कर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हर रोज विधि-विधान से हनुमानजी की पूजा या उनके मंत्र का जप करना चाहिए।

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