गोरखपुर : उत्तर प्रदेश में होने वाले गोरखपुर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक दूसरे का हाथ थामने का एलान कर दिया है. मगर मायावती ने कहा है कि समझौता सबको बता कर किया जायेगा अभी हम सिर्फ बीजेपी को हराने के लिए एक हुए है किसी प्रकार के गठबंधन में नहीं जुड़े है. रविवार की दोपहर 1 बजे के करीब बसपा के गोरखपुर मंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया. लोकसभा उपचुनाव में बसपा के समर्थन की खबरों के बीच सपा नेता सुनील सिंह यादव ने इसका इशारा पहले ही दे दिया था और कहा था कि , 'मैं इतना जानता हूं कि बसपा उपचुनाव नहीं लड़ेगी. दोनों जगहों पर जहां उपचुनाव होने वाले हैं, समाजवादी पार्टी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली है.' बता दें कि रविवार को बसपा की लखनऊ मंडल की मीटिंग के साथ गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव को लेकर भी बैठक हुई. . इस बैठक में मायावती द्वारा कांग्रेस की कमजोर स्थिति को देखते हुए आगामी रणनीति बनाई गई, इसके तहत दोनों मंडलों के कोआर्डिनेटरों की मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया. इस मीटिंग के बाद लोकसभा उपचुनाव में बसपा के कार्यकर्ता और नेता आगामी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र के बाद खाली हुई गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर 11 मार्च को मतदान किया जाएगा और 14 मार्च मतगणना कर नतीजे घोषित किए जाएंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्या लोकसभा के लिए चुने गए थे. पीएम ने माना युवाओं से सीखने को मिलता चुनावी जीत मोदीजी की सोच का नतीजा: योगी यूपी में साथ हो सकते है अखिलेश-माया