हिंदू धर्म में वास्तु का महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तु के नियमों के अनुसार ही घर का निर्माण किया जाता है। मान्यता है कि घर का वास्तु सही होने पर जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है, जबकि खराब वास्तु व्यक्ति के जीवन में परेशानियों को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं कि घर बनाते समय किचन, पूजाघर, डाइनिंग रूम, बेडरूम समेत अन्य कमरों की दिशा के वास्तु संबंधी नियम क्या होते हैं। गृह-निर्माण से जुड़े वास्तु टिप्स: वास्तु के अनुसार, घर के पूर्व दिशा में स्नानघर होना चाहिए। आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) दिशा में किचन का निर्माण करवाना शुभ रहता है। दक्षिण दिशा में बेडरूम का स्थान होना चाहिए। बेडरूम में देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ईशान कोण और आग्नेय कोण में बेडरूम नहीं होना चाहिए। बाथरूम में टंकी, शॉवर और वाशबेसिन पूर्व या उत्तर दिशा में लगवाना चाहिए। भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पश्चिम दिशा में डाइनिंग टेबल रखना शुभ होता है। उत्तर दिशा में तिजोरी का स्थान होना चाहिए। ईशान कोण में घर का मंदिर बनवाना चाहिए। इस दिशा के स्वामी भगवान शिव हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियां पूर्व-उत्तर दिशा में रखनी चाहिए। दक्षिण दिशा में पूजा घर नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही मंदिर के आसपास बाथरूम और टॉयलेट नहीं बनाना चाहिए। दक्षिण और पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) में शौचालय का निर्माण करवाना चाहिए। ईशान और पूर्व दिशा में स्टोर रूम का निर्माण करवाना चाहिए। दक्षिण और पश्चिम दिशा में स्टडी रूम होना चाहिए। घर के ब्रह्म स्थान (मध्य में) किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए। सोमवती अमावस्या की रात करें ये एक काम, दूर होगी दरिद्रता इस साल कब है ऋषि पंचमी? बन रहे 2 शुभ योग इन 4 राशियों के लिए बेहद शुभ है सितंबर का पहला सप्ताह, चमकेगी किस्मत