चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पंजाब पुलिस की अवैध रूप से हिरासत में होने के आरोपों के तहत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका पर आज यानी मंगलवार (28 मार्च) को सुनवाई हुई। खालिस्तानी समर्थक 'वारिस पंजाब दे' संस्था के लीगल एडवाइजर बठिंडा के इमान सिंह खारा की याचिका पर उच्च न्यायालय ने अमृतपाल के वकील को लताड़ लगाई है। न्यायालय ने वकील से पूछा कि क्या सबूत है कि अमृतपाल पुलिस कस्टडी में है? आप कोई प्रमाण लाओ कि वो किस थाने में है। अदालत ने कहा- AG बोल रहे हैं कि वो हिरासत में नहीं है। यदि वो बोल रहे हैं तो उनकी जिम्मेदारी है। तुम एक भी सबूत लाओ, हम वारंट अफसर लगा देंगे। वहीं उच्च न्यायालय में पंजाब के AG ने दावा किया है कि अमृतपाल को पकड़ने के करीब हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। इस दौरान पंजाब के वकील जनरल विनोद घई ने अमृतपाल के वकील से कहा कि वे सबूत दें कि अमृतपाल पुलिस की हिरासत में है। इस पर अमृतपाल के वकील ने कहा कि मीडिया में खबरें लगी हैं। CCTV फुटेज आई है। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि खबरें लगने का मतलब सबूत नहीं है। फुटेज है तो उसे कोर्ट में लेकर आएं। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अमृतपाल के वकील को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही पंजाब पुलिस के IG से भी हलफनामा मांगा गया है कि इस मामले में अब तक पुलिस ने क्या कार्रवाई की? पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार और पुलिस को फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा कि जब देश की सुरक्षा के लिए खतरा था, तो अब तक सरकार क्या कर रही थी। वो हथियारों के साथ घूम रहे थे। 80000 पुलिस होने के बाद भी अमृतपाल भाग कैसे गया। दलित उमेश पाल का परिवार बोला- हमें सीएम योगी पर पूरा भरोसा, अतीक अहमद को मिले फांसी 'राहुल गांधी माफ़ी मांगो..', मुंबई प्रेस क्लब की मांग, प्रेस वार्ता में किया था पत्रकार का अपमान ! मद्रास हाई कोर्ट से पनीरसेल्वम को बड़ा झटका, पलानीस्वामी को मिली AIADMK की कमान