हुबली में लेंडिंग के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान का फिसलना और उसकी जांच शायद ठन्डे बस्ते में जाने वाली बात हो गई है. सूत्रों की माने तो ये हादसा भी राहुल के साथ हुए पिछले उन हादसों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है जिनकी जांच भी सिर्फ कहने के लिए कर ली गई है. हादसा था या साजिश ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा मगर इस बार भी पिछली बार की तरह कांग्रेस के द्वारा की गई जांच की मांग को तवज्जो न देना कई नए सवालों को जन्म दे रहा है. मामले पर राहुल के ऑफिस ने हुबली के गोकुल पुलिस स्टेशन में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई और एयरक्राफ्ट में हुई गड़बड़ियों के बारे में कर्नाटक डीजीपी को पत्र लिखा गया था.कर्नाटक के डीजी और आईजी को लिखे गए पत्र में इसे 'अनएक्सप्लेनेड टेक्निकल एरर' बताया है. ये भी कहा है कि फ्लाइट की लैंडिंग के वक्त कुछ भी सामान्य नहीं था. जानकारी मिली है कि विमान कई साल पुराना है. सवाल यह भी है कि क्या सिर्फ ''तकनीकी खराबी थी'' कह दिया जाना जांच की पूर्णता है और यदि है भी तो क्या राहुल गाँधी जैसे व्यक्ति के विमान में खामी का होना एक साधारण बात है. एयरक्राफ्ट VT-AVH फॉल्कन 2000 जिसका रजिस्ट्रेशन नेहरू प्लेस, दिल्ली में 04-02-2011 रेलीगेयर एविएशन लिमिटेड कंपनी के नाम से है. इस विमान खामी और उसकी जांच दो अलग अलग बातें है, जो आपस में जोड़ दिए जाने पर तीसरे सवाल को जन्म दे रही है. क्योकि कांग्रेस अभी तक अगस्त 2017 मे राहुल गांधी की कार पर गुजरात के बाढ़ प्रभावित बनसकंठा जिले के दौरे के दौरान हुए पथराव को नहीं भूली है, जिसमे बीजेपी के एक कार्यकर्ता जयेश दर्जी का हाथ होने की बात सामने आयी थी. विपक्ष के सबसे बड़े सिपाही के साथ होती घटनाएं, उनकी पुनरावृत्ति और जांच को लेकर उदासीनता विषय को गंभीर बना रही है. बहरहाल जांच रिपोर्ट का इंतज़ार जारी है. इस बीच यह कहना मुश्किल है कि राहुल गाँधी के साथ होती घटनाएं मात्र इत्तफाकन है या गाँधी परिवार के इतिहास को दोहराने की किसी साजिश का हिस्सा. कर्नाटक चुनाव: सदा विवादों में रहे है सी सी पाटिल कर्नाटक का रण : पोर्न देखते पकड़े गए थे लक्ष्मण सावाड़ी कर्नाटक: पोर्न वीडियों कांड ने धूमिल कर दी थी जे कृष्णा पालेमार की छवि