धनबाद: आयकर आयुक्त डॉ. श्र्वेताभ सुमन शुक्रवार को गुवाहाटी के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये रिश्र्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने डॉ. सुमन को तब गिरफ्तार किया, जब वे जोरहाट (असम) के व्यवसायी सुरेश अग्रवाला से करवंचना में मदद के लिए रकम ले रहे थे. सुमन गुवाहाटी में आयकर आयुक्त (ऑडिट) के पद पर पदस्थापित थे. इस मामले में सीबीआइ ने उनके अलावा गुवाहाटी में पदस्थापित इनकम टैक्स आफिस प्रताप दास, एडवोकेट व चार्टर्ड एकाउंटेंट रमेश गोयनका व अमित गोयनका के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. मामला सुरेश अग्रवाल की फर्म विन पावर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, लिहाजा प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही सीबीआइ गुवाहाटी, जोरहाट, नयगांव, शिलांग, नोयडा, दिल्ली समेत फर्म से संबंधित अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है. अब तक 40 लाख रुपये सहित महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं. सीबीआई के मुताबिक आयकर आयुक्त श्र्वेताभ सुमन वित्तीय वर्ष 2017-18 से संबंधित वित्तीय लेन-देन में मिली अनियमितता को व्यवसायी के पक्ष में करने के एवज में रिश्र्वत ले रहे थे, ज्ञात हो कि इससे पहले श्र्वेताभ सुमन वर्ष 2005 में भी सीबीआइ के हत्थे चढ़ चुके हैं. उस समय उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. झारखंड निवासी श्वेताभ लंबे समय तक जमशेदपुर, रांची, धनबाद में आयकर विभाग में कार्यरत रहे हैं. आपको बता दें कि आयकर आयुक्त डॉ. श्र्वेताभ सुमन का 18 नवंबर 2005 को अपहरण भी हुआ था, वह उस समय जमशेदपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त के पद पर थे. अपहरण से पहले मई 2005 में सीबीआइ ने उनके यहां छापेमारी भी की थी, तो गिरफ्तार करके जेल भी भेजा था. उस वक्त सीबीआइ की यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में थी, जिसमें बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी . दवा जहरीली है या प्रशासन में ही जहर है... झारखण्ड हाईकोर्ट: कांग्रेस सांसद के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी की याचिका मंजूर झारखण्ड ने बढ़ाया कर्मचारियों का महंगाई भत्ता