आयकर विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू करते हुए विभागीय व्यवस्था में बदलाव किया है.आयकर अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को परेशान करने और रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने के मकसद से इनकम टैक्स मामले की जांच अब किसी एक अधिकारी के हवाले नहीं रहेगी. आयकर विभाग अब एक नई व्यवस्था बना रहा है जिसमें कर दाता का आकलन एक अधिकारी के बजाय अधिकारियों की पूरी टीम करेगी. नई व्यवस्था में गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार असेसमेंट की जिम्मेदारी अधिकारियों की टीम के पास होगी. लेकिन टैक्स नोटिस भेजने और सुनवाई करने की जिम्मेदारी अलग होगी.इस नई व्यवस्था के लिए पिछले हफ्ते अहम बैठक हुई थी.टैक्स मामलों की जांच में एक अधिकारी के विवेकाधिकार खत्म कर मामलों की जांच में संतुलित रवैया अपनाना है.कहा जा रहा है कि फिलहाल आयकर अधिकारी करदाता को ऑफिस में बुलाकर के परेशान करते थे. कई बार टैक्स मामलों को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत और घूसखोरी की भी मदद लेते थे. इसी को रोकने के लिए अब यह तैयारी की जा रही है. बता दें कि अगले साल से आयकर विभाग पूरी तरह से हाईटेक हो जाएगा. इसके लिए वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी ने प्रयास शुरू कर दिए है. इस नई योजना में कर से जुड़े मामलों की सुनवाई डिजिटल तरीके से होगी. असेसमेंट भी ऐसा होगा कि रिश्वत लेने के सभी रास्ते बंद हो जाएंगे जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.अब लोगों को इस विभाग के कम चक्कर लगाना पड़ेंगे.कर चोरी के बहुत ज्यादा बड़े मामलों में हीआयकर दफ्तर में लोगों को बुलाया जाएगा. यह भी देखें देश के निवेशकों के बिटकॉइन में करोड़ों फंसे जेट एयरवेज का मुनाफा घटा