नई दिल्ली : अपनी पूंजी पर भारी मुनाफा कमाने के बावजूद ब्रिटिश कंपनी द्वारा भारत में टैक्स अदा नहीं करने परआयकर विभाग ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी को 10,247 करोड़ रुपये कर बकाये का भुगतान करने का नया नोटिस जारी किया है. बता दें कि टिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा था कि विभाग कंपनी से पूंजीगत लाभ पर पिछली तारीख से टैक्स की वसूली कर सकता है. विभाग ने आयकर अपीलीय टिब्यूनल (आइटीएटी) का फैसला आने के कुछ ही हफ्तों के भीतर उठाया है. उल्लेखनीय है कि केयर्न ने अपने शेयरधारकों को सूचित किया है कि आइटीएटी का फैसला आने के बाद 31 मार्च को संशोधित टैक्स डिमांड का नोटिस मिला है. हालाँकि टिब्यूनल ने कहा है कि भुगतान में देरी के लिए ब्याज अब फरवरी, 2016 से ही देय होगा.विभाग इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा. पहले आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये के टैक्स पर दस साल के लिए 18,800 करोड़ रुपये का ब्याज मांगा था. यह टैक्स केयर्न द्वारा केयर्न इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने से हुए पूंजीगत लाभ पर बनता है. उधर, केयर्न ने भी अंतराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन की कार्यवाही के तहत भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर मुआवजा मांगा है. केयर्न ने कहा कि ट्रिब्यूनल के निर्णय पर अपील किए जाने की संभावना है.इस कारण इस मामले का जल्द समाधान होना सम्भव नहीं है. यह भी देखें कर्ज और क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 2 लाख से अधिक का पेमेंट तो करे आईटीआर में दर्ज नोट के बदले वोट के मद्देनजर तमिलनाडु का उप चुनाव रद्द