नई दिल्ली : 'आय घोषणा योजना 2016 के तहत अघोषित कालेधन को उजागर करने के दो मामलों में सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा किये गए दावे जाँच में फर्जी निकले हैं. बता दें कि इन दो मामलों जिनमें एक में दो लाख करोड़ और दूसरे में 13860 करोड़ रुपये कालाधन होने का दावा किया गया था.इससे पूरे देश में सनसनी मच गई थी.आयकर विभाग ने इतनी बड़े कालेधन का खुलासा करने वालों की जांच शुरू कर यह पता लगने में जुटी है कि इन घोषणाओं के पीछे इरादा क्या था. गौरतलब है कि आयकर विभाग के अनुसार मुंबई में बांद्रा के एक फ्लैट में रहने वाले अब्दुल रजाक मोहम्मद सईद के परिवार ने कुल 2 लाख करोड़ रुपये कालाधन उजागर किया था. जब इसकी जांच की तो पता चला कि इस परिवार के चार सदस्यों में से तीन का पैन नंबर अजमेर के पते पर जारी हुआ है. यह परिवार सितंबर में मुंबई पहुंचा और वहीं आय घोषणा योजना के तहत खुलासा किया था. कालेधन का यह खुलासा फर्जी निकला. इसी तरह अहमदाबाद निवासी महेश कुमार शाह ने 13,860 करोड़ रुपये कालाधन होने का दावा किया था. इस दावे पर शुरु से ही संदेह था.वित्त मंत्रालय ने जब सईद परिवार और शाह के दावों की जब आयकर विभाग ने जांच की तो पता चला कि इन लोगों ने इस घोषणा का दुरुपयोग किया.अंत में 30 नवंबर को तहकीकात के बाद इन सईद परिवार और शाह के कालेधन के खुलासे की घोषणा को खारिज कर दिया. यही कारण है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अक्टूबर को जब आय घोषणा योजना के तहत सामने आए कालेधन के कुल आंकड़े मीडिया को बताए तो इन दोनों खुलासों को इसमें शामिल नहीं किया गया. बता दें कि आयकर विभाग अब यह जानने में लगा है कि कालेधन की इतनी बड़ी राशि होने का दावा करने की इनकी घोषणा के पीछे इरादा क्या था.विभाग के बताया कि बड़े चढ़े दावों से अलग आय घोषणा योजना 2016 के तहत 71,726 लोगों ने कुल 67,382 करोड़ रुपये कालेधन का खुलासा किया है. नोटबन्दी : क्या नोटों के जमा होने के... काले धन को सफ़ेद करने के सहयोगी दो बैंक मैनेजर गिरफ्तार