नासिक। नासिक के त्र्यंबकेश्वर में आयकर विभाग द्वारा दो पुजारियों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में महाराष्ट्र के नासिक स्थित श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर के बड़े पुजारियों पर शिकंजा कसा गया है। दरअसल बारह ज्योर्तिलिंग में से एक नासिक के श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में विदेश से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में पूजन हेतु अधिकांश दर्शनार्थी नकदी में दक्षिणा व दान देते हैं। हालांकि दानपेटी में डाले गए दान का ब्यौरा तो रखा जा सकता है लेकिन बड़े पैमाने पर पुरोहितों व पुजारियों के पास भी दान आता है। नोटबंदी से पहले मंदिर के पुजारियों को लेकर कोई पूछताछ नहीं की जा सकती थी लेकिन नोटबंदी के दौरान मंदिर के पुरोहित आयकर विभाग की नज़र इन पंडितों व पुरोहितों पर टेढ़ी हो गई है। नासिक के त्र्यंबेश्वर में आयकर विभाग ने पुरोहित गणपति शिखरे व निषाद चांदवडकर को लेकर कार्रवाई की। आयकर विभाग द्वारा इन पुरोहितों पर की गई कार्रवाई में नकदी दक्षिणा और बड़े पैमाने पर सोने और चांदी के नाग प्राप्त हुए हैं। पुजारियों के पास बड़े पैमाने पर संपत्ती होने की जानकारी मिली और यही नहीं उनके पास मौजूद धन के दस्तावेज भी मिले हैं। गौरतलब है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर में नारायण बली और नागबली के ही साथ कालसर्प दोष का पूजन किया जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि पूजन हेतु करीब 3 हजार रूपए से लेकर लगभग 1 लाख रूपए की दक्षिणा लेने की जानकारी पुरोहितों ने दी गई। माना जा रहा है कि कालेधन को खपाने के लिए भी पुरोहितों और पुजारियों को इस तरह धन दिया गया है। मगर यह बात अभी स्पष्ट नहीं है। 10,000 से अधिक पुराने नोट रखने पर हो रहा नोटबंदी ने सिखाई भारतीयों को ये 6 अच्छी