नई दिल्ली : हवाई किरायों की मनमानी बढ़ोतरी से चिंतित नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने साफ कर दिया कि हद से ज्यादा हवाई किरायों से निपटने का आसान समाधान नहीं हो सकता. वह किरायों की सीमा तय करने का विचार छोड़ चुके हैं क्योंकि इससे न्यूनतम किराए में वृद्धि होगी. उनके अनुसार हवाई कम्पनियां परी नहीं , तो राक्षस भी नहीं है. मंत्री गजपति ने कहा हवाई यात्रा के लिए किराया सीमा तय करने की मांग के खिलाफ अडिग रहते हुए पिछले साल किये गए विश्लेषण से यह बात सामने आई कि सिर्फ 1.7 फीसदी टिकट ही ऊँची कीमतों पर बेचे जाते हैं. अधिकतम और न्यूनतम सीमा तय करना रोचक है, लेकिन हमें ऐसी स्तिथि में नहीं पड़ना है जहां 1 .7 फीसदी यात्रियों को फायदा पहुँचाने के लिए 90 प्रतिशत यात्रियों के लिए किराया बढ़ाया जाए. चेन्नई और श्रीनगर में बाढ़ केदौरान एयरलाइन कम्पनियों ने किराया तर्कसंगत रखा. सरकार का मकसद भी यही है कि हवाई यात्राओं का किराया तर्कसंगत दायरे में रहे. राजू ने कहा हो सकता है कि एयरलाइन परी नहीं हो, लेकिन निश्चित रूप से वह राक्षस भी नहीं है. हम उनके साथ काम करके ऊँचे किराए के मामले में एक समाधान खोजने की जरूरत है.