Ind vs Eng: क्या भारत के साथ 'चीटिंग' कर रहा इंग्लैंड ? इंग्लिश मीडिया ने ही उठाए सवाल

नई दिल्ली: इंग्लैंड टीम का मैदान पर अपने गेंदबाजों के इस्तेमाल को लेकर बॉलकनी से सीक्रेड कोड का उपयोग करने का मामले एक बार फिर से गरमा गया है। भारत के विरुद्ध लॉर्ड्स में गुरुवार को खेले गए दूसरे ODI मैच के दौरान टीम के एनालिस्ट को बॉलकनी से सीक्रेट कोड का संकेत करते देखा गया। यह इशारा इस बात के लिए था कि अगला ओवर किस गेंदबाज को दिया जाना चाहिए। बहरहाल, इस "कोडिंग" पर इंग्लिश मीडिया ने ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया हैं और करीब दो साल पहले का पूर्व कप्तान माइकल वॉन का एक ट्वीट भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है, जिसमें उन्होंने टीम को सीक्रेट कोडिंग के उपयोग पर लताड़ लगाई थी। 

दरअसल, मैच के दौरान इंग्लैंड टीम के एनालिस्ट नॉथन लेमन ने बॉलकनी से एक नंबर दिखाया कि उनके हिसाब से किस बॉलर को गेंदबाज़ी दी जानी चाहिए। इंग्लैंड टीम की इस हरकत को मेजबान एक जाने माने अखबार ने चीटिंग बताते हुए मामले में क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलोन क्रिकेट क्लब (MCC) से मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। बहरहाल, गुरुवार के मैच में इंग्लैंड को इस नीति का काफी फायदा मिला, जब मेजबान टीम ने भारत को दूसरे ODI में 100 रन से हरा दिया। 

इस मैच में रेसी टॉपले ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए महज 24 रन देकर छह विकेट झटक लिए और इंग्लैंड ने सीरीज में 1-1 की बराबरी भी  कर ली। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को 100 रन से हार झेलनी पड़ी। मगर इंग्लैंड की जीत पर मेजबान मीडिया ने सवाल उठाते हुए, कप्तानी पर बटलर की पकड़ को लेकर भी सवाल किया है। हालाँकि, ICC को बॉलकनी से इस संवाद सिस्टम से कोई आपत्ति नहीं है, जिसे इंग्लिश टीम दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 2020 से इस्तेमाल कर रही है, किन्तु इस पर अब इंग्लैंड का मीडिया ही सवाल खड़े कर रहा है कि क्या यह खेल भावना के अंतर्गत आता है।

एक बहस कप्तान बटलर की खेल पर पकड़ को लेकर भी चल रही है, क्योंकि मैदान  पर हालात विशेष को ध्यान में रखते हुए गेंदबाज का चयन करना कप्तान बटलर की जिम्मेदारी बनती है, मगर जब बाहर एनालिस्ट के आंकलन द्वारा फैसले लिए जा रहे हैं, तो बटलर को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि यह सीक्रेट कोड अक्षर और अंक को मिलाकर तैयार किया जाता है। और खेल के हिसाब से बॉलकनी में बैठा एनालिस्ट इसे ग्राउंड की तरफ दिखा देता है। इसका जनक एक एनालिस्ट नॉथन लेमक को ही माना जाता है, जिन्होंने इस रणनीति का पहली बार इस्तेमाल किया। इंग्लैंड के एक जाने माने समाचार पत्र के पत्रकार लिखते हैं कि, 'यह खेल में धोखाधड़ी है। मेरी राय में MCC को इस पर रोक लगानी चाहिए। यह इस सिद्धांत का उल्लंघन करता है कि प्लेयर को मैदान पर खुद के लिए सोचना चाहिए। क्रिकेट कोई रग्बी, फुटबॉल या कोई अमेरिकी खेल नहीं है, जहां मैदान के बाहर कोच ही किंग माना जाता है।'

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