देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आर.आई.एम.सी ऑडिटोरियम, देहरादून में भारतीय सेना के वीरता पुरस्कार सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। वहीँ इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों, सेवा निवृत्त सैनिकों एवं वीरांगनाओं को सम्मानित किया। आपको बता दें कि जिन 47 लोगों को सम्मानित किया गया उनमें 21 सेवारत सैनिक, 20 सेवानिवृत्त सैनिक एवं 06 वीरांगनाएं शामिल हैं। जी दरअसल मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान कहा, 'राज्य सरकार द्वारा युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले सैना एवं अर्द्धसैन्य बलों के जवानों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी जा रही है।' इसी के साथ उन्होने कहा, 'अभी तक 17 सैनिक आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी गई है। उत्तराखण्ड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां वीरता पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त वार्षिक राशि का जीवन पर्यन्त भुगतान किया जाता है। विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कार से अलंकृत सैनिकों की एकमुश्त राशि बढ़ाई गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिक एवं युद्ध विधवाओं को प्रतिमाह दिये जाने वाले अनुदान को 08 हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया गया है।' इसी के साथ उन्होने यह भी कहा, 'पूर्व सैनिक, सैनिक विधवाओं एवं उनके आश्रितों को स्वरोजगार से जोड़ने एवं स्वावलंबी बनाने के लिए 06 माह तक का कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण सभी जिलों में दिया जा रहा है। एनडीए और सीडीएस प्री परीक्षा पास करने वालों को आगे की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड में पांचवे धाम सैन्यधाम की पहल की। देहरादून में भव्य सैन्यधाम बनाया जायेगा।' वहीँ आगे मुख्यमंत्री ने कहा, 'कैंट क्षेत्र में रहने वाले सैनिकों को प्रदेश के अन्य स्थानों की भांति हाऊस टैक्स में छूट दी जायेगी। आज अपने वीर सैनिकों एवं वीरांगनाओं को सम्मानित करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।' इसी के साथ उन्होंने देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सभी सैनिको को नमन करते हुए कहा कि हमारे वीर सैनिकों के कारण आज सभी सुरक्षित हैं। आगे मुख्यमंत्री ने कहा, 'जब भी मुझे सेना के कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलता है, तो मुझे अपना बचपन याद आता है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते मेरे लिए यह भावुकता का क्षण है। सैनिक की वीरता के साथ ही मैंने उनके परिजनों के संघर्षमय जीवन को निकटता से देखा है। एक सैनिक के जीवन में बहुत संघर्ष होने के बावजूद भी वह दृढ़तापूर्वक अपना कार्य करता है। हमारी सेना ने हमेशा अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया है। हमारी सेना के शौर्य एवं पराक्रम का इतिहास है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। उत्तराखण्ड से प्रत्येक परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। उत्तराखण्ड के सैनिकों एवं सैन्य परिवारों द्वारा दिये गये योगदान को शब्दों से बयां करना मुश्किल है।' हैती में आया खतरनाक भूकंप, 300 से अधिक लोगों की गई जान देश में घटी कोरोना संक्रमितों की संख्या लेकिन मृतकों के आंकड़े ने बढ़ाया खतरा दिल्ली के होटल में लगी भयंकर आग, 2 लोगों की गई जान