नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बाजारों में हर जगह बस तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा है. ट्रैफिक सिग्नल पर भी छोटे-छोटे बच्चे तिरंगा बेचते हुए दिखाई देते हैं. हर बार की तरह ही इस बार भी सभी ओर माहौल देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है लेकिन इस बार स्वतंत्रता दिवस पर एक बड़ा बदलाव होने वाला है. आमतौर पर ज्यादातर लोग या बच्चे अपने हाथों में प्लास्टिक के झंडे पकड़े ही नजर आते हैं लेकिन इस बार दिल्ली में प्लास्टिक के झंडे नहीं दिखने वाले हैं. भारतीय ध्वज का इतिहास : 112 साल में 6 बार बदला हमारा तिरंगा दिल्ली में अब प्लास्टिक के झंडे ना बेचते हुए सिर्फ कपड़े से बने झंडे ही बेचे जाएंगे. गृह मंत्रालय ने लोगों से ये अपील की थी कि इस बार प्लास्टिक से बना तिरंगा उपयोग में लिया जाए. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी मंत्रालय ने भी कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जाए. दरअसल मंत्रालय का ये मानना है कि कागज से बने राष्ट्रिय ध्वज उपयोग में लिए जा सकते हैं लेकिन कागज से बने झंडे काम में लेना ठीक नहीं है. Asian Games 2018: नीरज चोपड़ा बनेंगे भारतीय ध्वजा वाहक अब तो दिल्ली में थोक विक्रेता भी प्लास्टिक के झंडे नहीं बेच रहें हैं. थोक विक्रेताओं का कहना है कि वो जब भी वो प्लास्टिक के झंडे बेचते थे तो लोग उन्हें ज्ञान बांटकर जाते थे और कहते थे कि प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान होता है इसलिए उन्होंने प्लास्टिक का तिरंगा बेचना ही बंद कर दिया. वहीं स्कूल के बच्चें ने भी प्लास्टिक का झंडा लेने से मना कर दिया और कहा कि वो सिर्फ कपड़े का झंडा ही इस्तेमाल करेंगे क्योकि कागज के झंडे तो बारिश में ख़राब हो जाते हैं. आजादी से लेकर अब तक इन हाथों ने संभाला हिंदुस्तान देखिये विडियो ख़बरें और भी... इन बॉलीवुड गीतों को सुनकर आपके भी अंदर जाग जाएगी देशभक्ति आजादी के 71 साल बाद भी स्वास्थ्य के मामले में पिछड़ा है भारत आजादी के 70 सालों तक इस गाँव में नहीं फहराया गया तिरंगा