बीजिंग: यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूस ने भारत और चीन को अपना पक्का दोस्त दोस्त बताया है और कहा है कि ये दोनों ही देश विश्व में शक्ति के संप्रभु केंद्र हैं। इसके साथ ही रूस ने दोनों मित्र देशों के साथ अपने संबंधों को व्यापक रूप से गहरा करने और उनके साथ तालमेल बढ़ाने को विशेष महत्व देने का भी संकल्प लिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से शुक्रवार (31 मार्च) को अनुमोदित विदेश नीति के अपने नए सिद्धांत को पेश करते हुए रूस ने यह भी कहा कि अन्य देशों और बहुपक्षीय निकायों के प्रति उसका रवैया इसके बारे में उनकी नीतियों के रचनात्मक, तटस्थ और अमैत्रीपूर्ण चरित्र पर निर्भर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई विदेश नीति में कहा गया है कि रूस यूरेशिया में भारत के साथ विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी और द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा बढ़ाने, निवेश और तकनीकी संबंधों को सशक्त करने पर जोर देगा। इसके साथ ही अमित्र राज्यों और उनके गठबंधनों के विनाशकारी कार्यों के प्रतिरोध को सुनिश्चित करेगा। रूस ने भारत के साथ परस्पर लाभकारी आधार पर तमाम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और उसका विस्तार करने की भी बात कही है। इसमें यह भी कहा गया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बावजूद भारत के साथ उसके रिश्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और वह मजबूत बने हुए हैं। पश्चिमी देशों की नाराजगी के बावजूद बीते कुछ महीनों के दौरान रूस से भारत के कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। रूस ने कहा है कि वह यूरेशिया को शांति, स्थिरता, विश्वास, विकास और समृद्धि के एक महाद्वीपीय साझा स्थान में तब्दील करना चाहता है। यूरोपीय संघ ने लेबनान से बेलआउट के लिए आईएमएफ के साथ समझौता करने का आह्वान किया लड़की ने लाखों में बेचीं 100 रुपये में खरीदी चीज, जानकर होगी हैरानी ज़ेलेंस्की ने चीन के शी जिनपिंग को मिलने का निमंत्रण दिया