नई दिल्ली: मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा राज्य में वाम मोर्चे को हराने के लिए अपने राष्ट्रवाद के मुद्दे से भटक कर ऐसे संगठनों से गठबंधन कर रही है, जो उग्रवाद को समर्थन करते है. माकपा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि "एक तरफ भाजपा भारत माता कि जय बोलकर देश को जोड़ने की बात करती है, अखंड भारत की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगो के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है, जो त्रिपुरा को भारत से अलग करके एक नए देश की मांग कर रहे है." माकपा ने कहा कि " भाजपा सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है" माकपा के अनुसार भाजपा की यह नीति उसके 'हिंदुत्व राष्ट्रवाद' के लक्ष्य और प्रोपेगेंडे के ही खिलाफ है. माकपा की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति बैठक की समाप्ति के बाद पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "यह साफ है कि भाजपा त्रिपुरा में वाम मोर्चा विरोधी केंद्र के रूप में सामने आ रही है. वे सभी पृथकतावादी दोस्तों को इकट्ठा कर रहे हैं और उग्रवादी संगठनों को भी. उन्होंने इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है. वे इंडीजेनस नेशनलिस्ट पार्टी आफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) जैसों से बात कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि माकपा इन तमाम प्रयासों के खिलाफ सभी प्रगतिशील व लोकतांत्रिक लोगों को एकजुट करेगी. येचुरी ने कहा कि 'गरीबों और अमीरों के बीच खाई को बढ़ाने वाली आर्थिक नीतियों, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और आक्रमक हिंदुत्व की नीति, संसदीय संस्थाओं पर तानाशाही हमलों, अमेरिका के सामने विदेश नीति के मामले में घुटने टेकने और अमेरिका के इशारे पर होने वाले निजीकरण की नीतियों' को लेकर वाम मोर्चा भाजपा को घेरेगा. उत्तराखंड सीएम ने ली विभिन्न विभागों के साथ बैठक नीतीश पर पत्थर, वहीँ तेजस्वी पर बरसे फूल नरेंद्र मोदी को पद का अहंकार हो गया है-अन्ना हजारे