नई दिल्ली : भारत के वित्तमंत्री और रक्षामंत्री अरूण जेटली इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल पाकिस्तान के साथ भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव के बाद भी केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली को पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ मंच साझा करना पड़ गया है। इस कारण यह सुर्खियों में बना हुआ है। एक अंतर्राष्ट्रीय समाचार नेटवर्क के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली पहुंचे थे। दरअसल एशियाज इकनॉमिक आउटलुक टॉकिंग ट्रेड विषय पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस चर्चा में पाकिस्तान के वित्तमंत्री मोहम्मद इशाक डार और 4 अन्य वक्ताओं को बुलाया गया था। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने चीन की वन बेल्ट वन रोड नीति का जमकर विरोध किया। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर वैश्विक मंचों पर भी साफ देखा जा सकता है। हाल ही में दो भारतीय जवानों के शवों के साथ पाकिस्तानी आर्मी की ओर से बर्बरता की गई थी। जिससे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है। सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ मंच साझा तो किया लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। गौरतलब है कि 26/11 के आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है हालांकि यह तनाव कुछ घटता बढ़ता रहा है। मगर भारत और पाकिस्तान के दो केंद्रीय मंत्रियों के बीच मंच साझा करने का यह अवसर इस तरह के तनाव के बाद पहला अवसर माना गया है। दोनों नेताओं ने एक दूसरे से गर्मजोशी से हाथ नहीं मिलाया और औपचारिक तस्वीरें ही खींचवाई। जब पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने वन बल्ट वन रोड ओबीओआर पर चर्चा की और चीन को यूरेशिया से जोड़े जाने की पहल पर अपना सकारात्मक रूख सामने रखा तो केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से कनेक्टिविटी एक अच्छा विचार है लेकिन आपने जो प्रस्ताव दिया है खासतौर पर उसमें कई अन्य मुद्दे जुड़े हुए हैं और मुझे इन सब पर बात करने के लिए यह मंच सही नहीं लगता। उन्होंने कहा झे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि हमें संप्रभुता के मुद्दों के चलते इस पर गंभीर आपत्ति है। पाकिस्तान ने कहा भारत ने नहीं बनाया उसे सार्क सैटेलाईट में भागीदार केंद्र सरकार ने दी जम्मू-कश्मीर सरकार को हिदायत, पाकिस्तानी अनधिकृत चैनल का प्रसारण रोके मनीषा की 'डियर माया' में पाकिस्तानी वीजे मदीहा भी...