नई दिल्ली: दो चिर प्रतिद्वंदी देश भारत और पाकिस्तान किसी मुद्दे पर एक ही विचार रखेंगे, इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन अब ऐसा होने जा रहा है, अब ये दोनों देश अपने-अपने राजनयिकों के साथ बर्ताव पर चल रहे विवाद को ख़त्म करने की कवायद में एकमत होते नज़र आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान 1992 की एक आचार संहिता के तहत इस मुद्दे को सुलझाने की राह पर बढ़ेंगे. गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत पर अपने राजनयिकों के साथ बुरा बर्ताव करने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. वहीं भारत ने भी पाकिस्तान पर भारतीय राजदूतों और उनके परिवार वालों के साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया था. भारत ने शिकायत की थी कि पाकिस्तान में उसके राजनयिकों का आक्रामक तरीके से पीछा किया गया और भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट को भी कई बार बाधित किया गया. भारत ने अपने राजनयिकों को 'धमकाने और परेशान किए जाने' के विरोध में इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान को एक और 'नोट वर्बेल ( राजनयिक नोट) जारी किया था. तीन महीने से भी कम समय में भारत ने पाकिस्तान को 13वीं बार ‘नोट वर्बेल’ जारी किया था. वहीं पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के डिप्टी कमिश्नर के बच्चों को स्कूल जाने के दौरान रास्ते में रोक लिया गया और परेशान किया गया. इसके अलावा दिल्ली में घूम रहे पाकिस्तान के सीनियर राजनयिक को परेशान किया गया. पाकिस्तानी सूत्रों का कहना है कि भारत में पाकिस्तानी राजनयिकों के वाहनों को रोका जा रहा है और उनकी तलाशी ली जा रही है. पाक ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद से भारत-पाक के रिश्तों में कटुता बढ़ी है. 2-3 अप्रैल को दिल्ली में चंद्रबाबू नायडू का डेरा बसपा-सपा की कांग्रेस तो शून्य है- श्रीकांत शर्मा वीडियो: योगी का राम नाम सपना, अब अंबेडकर भी अपना