मॉस्को: रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात फरवरी में रिकॉर्ड 1.6 लाख बैरल रोज़ाना तक पहुंच चुका है. भारत लगातार रूस से बड़े पैमाने पर क्रूड ऑयल का आयात कर रहा है. बात दें कि, पारंपरिक तौर पर इराक और सऊदी अरब भारत के सबसे बड़े सप्लायर रहे हैं. लेकिन 2022 से भारत ने रूस की ओर रुख किया है. इस कारण पारंपरिक आपूर्तिकर्ता पीछे रह गए हैं. एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के मुताबिक, रूस निरंतर पांचवें महीने कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना रहा, जिसे रिफाइनरियों में पेट्रोल तथा डीजल में परिवर्तित किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, रूस अपनी तेल की कीमतों पर रियायत दे रहा है. इस कारण भारतीय रिफाइनर भरपूर मात्रा में तेल का इम्पोर्ट कर रहे हैं. फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष आरंभ होने से पहले भारत के इंपोर्ट बास्केट में रूस के तेल की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम थी. मगर, फरवरी 2023 में हिस्सेदारी बढ़कर 35 फीसदी हो गई और प्रतिदिन आयत का आंकड़ा बढ़कर 1.62 प्रति लाख बैरल हो गया. बता दें कि, भारत, चीन और अमेरिका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है. यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के तेल पर प्राइस कैप लगा दिया था. इसके बाद रूस सस्ती कीमतों पर तेल बेच रहा है, जिसका लाभ भारत उठा रहा है. रूस से तेल के आयत बढ़ने से सऊदी अरब और इराक से होने वाले इम्पोर्ट पर असर पड़ा है. मंथली आधार पर इसमें 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. 'पुलवामा शहीदों के परिजनों पर राजस्थान पुलिस ने भांजी लाठियां..', वादा करके भूली कांग्रेस सरकार, Video शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया के समर्थन में स्कूली बच्चों से जबरन चिट्ठी लिखा रहे केजरीवाल, Video हुआ वायरल बदल रहा उत्तर प्रदेश ! देश के टॉप-10 अस्पतालों में से 9 यूपी के, देखें सूची