नई दिल्ली : पाकिस्तान की ओर से किसी भी आतंकी गतिविधि के होने या फिर सेना का बड़ा नुकसान होने की स्थिति में भारतीय सेना आतंकियों और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर सर्जिकल स्ट्राईक जैसा मूवमेंट करेगी। दरअसल इसके लिए हमारे देश की सेना के तीनों अंगों ने आपस में हाथ मिला लिया है। मिली जानकारी के अनुसार नौसेना के प्रमुख ने आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी देश विरोधी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब देने हेतु संयुक्त सिद्धांत का नियम अपनाया है। मिली जानकारी के अनुसार नौसेना प्रमुख द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक को प्रमुख हथियार के तौर पर उपयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा। तीनों अंगों के प्रमुखों ने कहा कि वर्तमान समय में देश विभिन्न तरह से सुरक्षा खतरे का सामना कर रहा है, जिसमें आतंकवाद, माओवाद और छद्म तरह से जम्मू कश्मीर राज्य में फैलाए जा रहे आतंकवाद की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि आतंक विरोधी ऑपरेशन में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को सबसे ऊपर रखा जायेगा। मिली जानकारी के अनुसार सेना के जवानों द्वारा संयुक्त प्रशिक्षण, यूनिफाइड कमांड और नियंत्रित ढांचे के अतिरिक्त तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण का प्रावधान शामिल है। भारतीय सेना द्वारा संयुक्त सिद्धांत अपनाने को लेकर नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, जनरल बिपिन रावत और वायुसेना के प्रमुख बीएस धनोआ ने कार्रवाई की। सर्जिकल स्ट्राइक के जांबाज राष्ट्रपति के हाथों हुए सम्मानित