लेह: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इसको सुलझाने के लिए रविवार को कोर कमांडर-स्तर की 13वीं मीटिंग (Corps Commander-level talk) हुई, किन्तु इसमें भी कोई समाधान नहीं निकला. बता दें कि रविवार को मॉल्डो में लगभग 8.30 घंटे बैठक चली. इसमें ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में जारी गतिरोध को समाप्त करने पर बात हुई थी. भारत की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि चुशूल-मॉल्डो में रविवार को बैठक हुई थी. इसमें भारत की ओर से ईस्टर्न लद्दाख में पूर्ण डी-एस्केलेशन (de-escalation) की बात की गई, जिस पर चीन सहमत नहीं हुआ. मतलब गतिरोध अभी समाप्त नहीं होगा. रविवार को हुई बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने की जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं. बैठक में भारत ने कहा कि जिस तरह धीरे-धीरे पेंगोंग झील, गलवान और गोगरा में डी-एस्केलेशन हो रहा है और वहां बफर जोन बनाए गए हैं, उससे टकराव खत्म करने के अंतिम संकल्प की ओर नहीं बढ़ा जा सकता. चीन ऐसा ही बफर जोन हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में भी बनाना चाहता है. बता दें कि 3-10 किलोमीटर के बफर जोन का मतलब है कि भारत उस क्षेत्र में गश्ती नहीं कर सकता, जैसा कि वह पहले से करता आया है. इसके साथ ही देपसांग और डेमचोक जैसे मुद्दे जो कि मई 2020 से शुरू हुए गतिरोध का हिस्सा नहीं हैं, उन पर चीन बातचीत करने से कतरा रहा है. कर्नाटक: कलबुर्गी में 3.0 तीव्रता का भूकंप आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आज का नया भाव पंजाब में अवैध रूप से रह रहे लोगों को किया जा रहा निष्कासित