सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एसएसी/एसटी एक्ट) के खिलाफ दलितों ने किया भारत बंद का आव्हान. देश में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर दलित नेताओं ने कोर्ट के इस फैसले के विरोध में 2 अप्रेल सोमवार को भारत बंद के लिए अपील की है. वहीं दलितों के इस बंद को विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने भी समर्थन किया है. वहीं दलित और आदिवासी संगठनों का कहना है कि यह कानून दलितों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले जातिसूचक शब्दों और हजारों सालों से चले आ रहे अत्याचार को रोकने में मददगार रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब दलितों को निशाना बनाना और आसान हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में वकील संतोष कुमार का कहना है कि शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के उन आकड़ों पर विचार नहीं किया जो बताती हैं कि 2014 में दलितों के ख़िलाफ़ 47064 अपराध हुए. यानी औसतन हर घंटे दलितों के ख़िलाफ़ पांच से ज़्यादा (5.3) अपराध हुए हैं. अपराधों की गंभीरता को देखें तो इस दौरान हर दिन दो दलितों की हत्या हुई और हर दिन औसतन छह दलित महिलाएं (6.17) बलात्कार की शिकार हुई हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2004 से 2013 तक 6,490 दलितों की हत्याएं हुईं और 14,253 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार हुए हैं. उत्तर प्रदेश में बदला शराब बिक्री का समय एक और बीजेपी सांसद सरकार के खिलाफ इंदौर : जर्जर इमारतों पर चल सकता है निगम का बुलडोजर