चीन ने अपनी बॉर्डर सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए बॉर्डर इलाकों का पूरा कंट्रोल पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) को देने का फैसला किया है. पहले यहाँ सीमा पुलिस की तैनाती थी. साफ है कि चीन के इस फैसला का सीधा असर भारत पर पड़ेगा, इससे पहले भी बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिक कई बार आमने-सामने आते रहे हैं. ऐसे में चीन का ये फैसला भारत की चिंताओं को बढ़ा सकता है. खबर तो यह भी आई थी कि डोकलाम इलाके में चीन फिर से सड़क और अन्य सैन्य जरूरत का बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है. यही नहीं, चीन की सेना पीएलए इस इलाके में एक मोड़दार सड़क बनाकर भारतीय चौकी से बचने की कोशिश कर रही है. सिक्किम-भूटान-तिब्बत के त्रिकोण पर डोकलाम इलाके के पास चीन जो बुनियादी ढांचा बना रहा है, वह भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिंता की बात है. पिछले कई दिनों में चीन ने अपनी नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं. चीनी संसद ने हाल में राष्ट्रपति पद के लिए किसी लिमिट को खत्म कर दिया है, जिससे शी जिनपिंग को उम्रभर राष्ट्रपति बने रहने में आसानी होगी. शी जिनपिंग की अगुवाई में अब विदेश नीति, रक्षा नीति, सुरक्षा नीति समेत अहम फैसले कम्युनिस्ट पार्टी ही लेती है. बुधवार को चीन की संसद का आखिरी दिन था, इससे पहले सीमा पुलिस की जगह पीएलए को नियंत्रण देने का आदेश दिया गया.हालांकि, इससे पहले भी पीएलए बॉर्डर इलाकों में तैनात रहती थी, लेकिन सीमा पुलिस मुख्य रूप से पोर्ट, बॉर्डर प्वाइंट्स इलाकों में मौजूद रहती थी. इससे पहले सीमा पुलिस सीधे पब्लिक सिक्युरिटी मंत्रालय को रिपोर्ट करता था, लेकिन दिसंबर के बाद से सीमा पुलिस भी पीएलए को रिपोर्ट करने लगी. अब नए रिफॉर्म के तहत पीएलए को बॉर्डर का चार्ज पूरी तरह से मिल जाएगा. नेपाल को चीन के प्रलोभन से बचाने के लिए भारत का साहसी कदम दूसरी बार राष्ट्रपति बने जिनपिंग को मोदी ने दी बधाई हम देखते ही रह गए, चीन ने डोकलाम में बना ली सड़क