भारत में अतिथि को भगवान माना जाता है. हर भारतवासी अपने घर में अतिथि का जोरदार स्वागत करता है. जिनके आने पर खुशियां दोगुनी हो जाती थीं, अब वही बेगाने लगने लगे हैं. संवेदनाएं मौन हैं, बेबस हैं क्योंकि कोरोना को हराना भी तो है. डर है तो उम्मीद भी है कि जीत की खुशी साथ मनाएंगे. हालांकि क्वारंटाइन तो घर में भी किया जा सकता है, बस थोड़ी सी सतर्कता और दिए गए निर्देशों का पालन ही करना होता है, लेकिन सूझबूझ पर दहशत भारी पड़ रही है. एक्शन मोड में गौतम बुद्ध नगर के डीएम, ड्यूटी से गैरमौजूद डॉक्टरों पर हो सकती है कार्रवाई आपकी जानकारी के लिए बता दे कि गोरखपुर में हमने जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की, जहां बड़ी संख्या में बाहर से लोगों का आना जारी है. मां-बाप, पत्नी, भाई व बहन जिनका इंतजार करते थे, अब वही घरवालों को बेगाने लगने लगे हैं. हालांकि यह बतौर सजगता ठीक भी है. डॉक्टरों ने बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी है. इसके प्रति गांव के लोगों में जागरूकता बढ़ी है. वह किसी भी दशा में संक्रमण को बढ़ने देना नहीं चाहते. लेकिन मानवीय संवेदनाएं को झकझोरने वाला यह पहलू नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है. प्रसव पीड़ा झेल रही महिला की सहायता के लिए रिश्तेदार ने दुबई से किया फोन, पुलिस ने ऐसे की मदद अगर आपको नही पता तो बता दे कि प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि लोगों के घर पर अलग कमरे की व्यवस्था है, तो बाहर से आने वाले खुद को होम क्वारंटाइन कर सकते हैं. इसके लिए जिला प्रशासन लगातार गांवों में जागरूकता अभियान चला रहा है. गांवों के बाहर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. महामारी के बीच छत्तीसगढ़ में जन्मे दो बच्चे, नाम रखा- कोविड और कोरोना भारत से स्वदेश लौटे सभी दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों का हुआ कोरोना टेस्ट, जानिए क्या रही रिपोर्ट भारत की मदद के लिए आगे आया वर्ल्ड बैंक, कोरोना से लड़ने के लिए देगा इतने करोड़ डॉलर