नई दिल्ली: मोदी सरकार ने गत दो वर्षों के बीच चीन से आयात कम कर दिया है. सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी है. सरकार से सवाल पुछा गया था कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए क्या सरकार चीन के उत्पादों पर बैन लगाने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा है तो फिर इसका ब्यौरा क्या है. सांसद भगवंत खुबा ने यह भी सवाल किया था कि वर्तमान समय देश में चीन निर्मित उत्पादों के व्यापार के क्या आंकड़े हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा है कि सरकार ने एमएसएमई के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), पारंपरिक उद्योगों का पुनरुद्धार करने के लिए निधि योजना (स्फूर्ति), नवोन्मेष, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता संवर्धन योजना, क्रेडिट लिंक्ड कैबिटल, सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम जैसी योजनाएं शामिल हैं. नितिन गडकरी ने कहा कि वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चीनी उत्पादों के आयात की कीमत जहां वर्ष 2017-18 में 76380.70 मिलियन अमेरिकी डॉलर रही, वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 में 70319.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. इस तरह देखें तो 6061.15 मिलियन डॉलर की आयात में कमी दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि आयात में यह कमी घरेलू उद्यमों को संरक्षण देने की दिशा में उठाए गए कदम के तहत दर्ज की गई है. व्यपार में लगातार हो रहा है घाटा तो हर दिन करें इस मंत्र का जाप बंटने को तैयार गोदरेज परिवार, जमीन का मसला, कीमत 20000 करोड़ ! सोने ने बरपाया कहर, इस वजह से पहुंचा 6 साल की ऊंचाई पर