भारत के दौरे पर आने के दिन से लेकर अमेरिका वापसी के समय तक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी उत्पादों पर लगाये गये ज्यादा सीमा शुल्क पर कई मर्तबा नाराजगी जताई गयी है । इसके साथ ही इस बारे में उनकी भारतीय पक्षकारों से खुल कर बात भी हुई, परन्तु हकीकत यही है कि उन्हें भारत की तरफ से इस बात का ठोस आश्वासन नहीं मिला है कि अमेरिकी उत्पादों पर शुल्कों में कटौती की जा सकती है । भारत ने दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने का आश्वासन जरुर दिया परन्तु इसके लिए सीमा शुल्क घटाने का कोई वादा नहीं किया गया। बल्कि अमेरिका से ऊर्जा आयात को बढ़ाकर मौजूदा 24 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को पाटने की बात कही गई। भारत की तरफ से शुल्क घटाने को लेकर कोई ठोस संकेत नहीं मिलने की वजह से ही यात्रा के दूसरे दिन अमेरिका लौटने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप का मूड थोड़ा बदला हुआ था। इसके साथ ही भारत आने से पहले उन्होंने कहा था कि हम एक बहुत ही बड़ा समझौता करने वाले हैं। जबकि मंगलवार शाम को प्रेस वार्ता में ट्रंप ने इस वर्ष के अंत तक ट्रेड समझौता करने की बात तो कही परन्तु उनकी बात में वह भरोसा नहीं था।उन्होंने कहा कि, ''भारत दुनिया में अमेरिकी उत्पादों पर सबसे ज्यादा शुल्क लगाता है। वहीं हम भारत के साथ ट्रेड घाटा 30 अरब डॉलर से घटाकर 24 डालर पर लाने में सफल रहे हैं लेकिन यह भी नहीं होना चाहिए। हम भारत के साथ एक बेहतर डील की उम्मीद कर रहे हैं। यह साल के अंत तक होनी चाहिए और यदि नहीं भी होती है तो हम कुछ अच्छा करेंगे।'' इसी तरह से दोनों देशों की तरफ से देर रात में जारी साझा बयान की बात करे तो जिस तरह के ट्रेड समझौते को लेकर एक माहौल बनाया गया था वैसा इसमें कोई जिक्र नहीं है। इसमें कारोबार व निवेश क्षेत्र में लंबी अवधि के लिए स्थायित्व का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि, ''हम जल्द ही जारी वार्ता को समाप्त करने को सहमत हो गये हैं और समग्र द्विपक्षीय कारोबारी समझौते के पहले चरण को लेकर जारी बातचीत भी जल्द ही खत्म होने की उम्मीद है।''इस तरह से फिलहाल सीमित कारोबारी समझौता होता ही दिख रहा है। भारतीय पक्षकारों के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं है कि भारत अपनी तरफ से कुछ अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क घटाने जा रहा है। इसके साथ ही दोनों पक्ष अपने-अपने हितों को देखते हुए बात कर रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका से आयात होने वाले कुछ कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क घटाया जा सकता है लेकिन इस बारे में सौदा तभी होगा जब अमेरिकी बाजार में भी कुछ भारतीय उत्पादों को इसी तरह का प्रोत्साहन मिले। जहां तक अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर सीमा शुल्क घटाने की बात है तो दो वर्ष पहले ही उसमें कटौती की गई है। वहीं अभी फिलहाल इस तरह का कोई विचार नहीं है। भारत पर पड़ रहा कोरोना वायरस का प्रभाव, CII ने जारी की सर्वे रिपोर्ट Share Market : सेंसेक्स 143 अंक तक टूटा, निफ्टी में भी बदलाव सोने के दाम में आयी बढ़ोतरी, यह रहा भाव