मुम्बई/लाहौर. पाकिस्तान ने कहा, मुम्बई हमलो के 24 गवाहों को उनके बयान दर्ज करने के लिए भारत सरकार उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजना चाहती. रावलपिंडी की एक एंटी-टेरर कोर्ट में मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने यह दलील दी. इस मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल के अंदर बनी कोर्ट में चार महीने बाद इस केस की सुनवाई प्रारम्भ हुई है. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि भारत न सिर्फ गवाहों को भेजने से इनकार कर रहा है, बल्कि वह दोबारा जांच कराए जाने की मांग कर रहा है. इस मामले में पाकिस्तान ने 24 गवाहों को भारत भेजने की मांग की थी जिसके जवाब में भारत ने कहा कि पाकिस्तान पहले इस मामले की दोबारा जांच कराने के साथ भारत की और से दिए गए सबूतों की बुनियाद पर हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा चलाए. भारत की प्रतिक्रिया पर पाकिस्तान ने कहा था कि जब तक हमे ठोस सबूत नहीं मिल जाते, तब तक हम किसी भी संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकते. इस मामले में लखवी को इसलिए रिहा किया गया था, क्योंकि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं थे. जानकारी दे दे कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुसे 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अलग-अलग जगहों पर हमले किए थे, जिससे 166 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 9 आतंकी मारे गए थे और अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था. ये भी पढ़े कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 2 आतंकी ढेर अमृतसर विमान तल को किया बंद, मिला संदिग्ध ब्रीफकेस आतंकवाद को लेकर पाक पर बरसे हामिद अंसारी, की अलग-थलग करने की मांग