नई दिल्ली: पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चौकसी के ख़िलाफ़ भारत सरकार लगातार शिकंजा कसते जा रही है, हाल ही में भारत के अधिकारीयों ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को औपचारिक आवेदन सौंप दिया है. इससे पहले एंटीगुआ सरकार, मेहुल चौकसी मामले में भारत का समर्थन करने का वादा कर चुकी है. आर्थिक भगोड़ों पर लगेगी लगाम, विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर एंटीगुआ के विदेश मंत्री ईपी चेत ग्रीन ने भरोसा दिलाया था कि चोकसी के प्रत्यर्पण के किसी भी वैध अनुरोध का सम्मान किया जाएगा. एंटीगुआ के अलावा भारत में भी प्रशासन ने मेहुल की मदद करने वालों के ख़िलाफ़ कार्यवाही शुरू कर दी है. मुंबई पुलिस के बयान के अनुसार 10 सितंबर 2015 को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने चौकसी को विशेष तत्काल दर्जे के तहत पासपोर्ट जारी किया था, जिसमे पुलिस सत्यापन की जरुरत नहीं होती है, इस मामले में भी पुलिस को जांच के आदेश मिल गए हैं. मेहुल चौकसी पर एक और सनसनीखेज ख़ुलासा आपको बता दें कि 13,500 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में आरोपित मेहुल चोकसी इसी साल चार जनवरी को भारत से फरार हो गया था, उसने एंटीगुआ में नागरिकता की शपथ 15 जनवरी को ली थी, हालाँकि नागरिकता के लिए मेहुल चौकसी को मंजूरी नवंबर 2017 में ही मिल गई थी. 29 जुलाई 2016 को बेंगलुरु के निवासी हरि प्रसाद ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस घोटाले की जानकारी दी थी. खबरें और भी:- 11 हजार करोड़ के घोटाले में शामिल विपुल अंबानी को मिली जमानत मेहुल चौकसी को भारत ने नहीं दी कोई क्लीनचिट :CBI कटाक्ष: हम तो चले परदेश....