नई दिल्ली: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान में इन दिनों आटे-दाल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, उसने हर जगह हाथ फैलाकर देख लिए, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिल रही है। आर्थिक तंगी से बुरी तरह जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति पर अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है. जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान का भविष्य बहुत हद तक उसके अपने कार्यों और उसकी पसंद पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी आर्थिक समस्याओं से इस तरह बाहर निकले. भारत की तरफ से श्रीलंका को दी गई मदद का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने गंभीर आर्थिक संकट में श्रीलंका की सहायता की थी, मगर भारत और श्रीलंका के बीच रिश्ते पाकिस्तान से बिल्कुल अलग हैं. उल्लेखनीय है कि, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, उच्च महंगाई दर और पाकिस्तानी मुद्रा में तेज गिरावट के कारण पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. इससे बाहर आने के लिए पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज लेने के लिए उच्च टैक्स दरों को लागू करने के लिए भी राजी है. पड़ोसी मुल्क की ऐसी स्थिति पर एस जयशंकर ने कहा है कि, 'कोई भी व्यक्ति अचानक और बेवजह ही किसी कठिन परिस्थिति में नहीं पहुंच जाता है. पाकिस्तान के साथ आज हमारा ऐसा कोई रिश्ता नहीं है कि हम सीधे उस प्रक्रिया (मदद) में शामिल हो सकें. यह हमारे पड़ोसी देश पर निर्भर है कि वे इससे उबरने के लिए कोई रास्ता ढूंढे.' विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान का भविष्य बहुत हद तक पाकिस्तान के काम और उसकी पसंद से निर्धारित होता है. श्रीलंका से पाकिस्तान की तुलना को नकारते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के संबंध बिल्कुल अलग हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत में बॉर्डर पार से आतंकवाद फैलाता रहा है, जिसने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. न्यू यॉर्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान की स्वीडन में इमरजेंसी लैंडिंग, 300 यात्री थे सवार 'मुलायम यादव मेरे सपने में आए, साथ साइकिल चलाई..', साइकिल से दफ्तर पहुंचे तेजप्रताप बिहार में जजों को ही नहीं मिल रहा इन्साफ ! नितीश सरकार के खिलाफ SC पहुंचे 7 जज