भारत में 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई गई थी और उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही थी जिन्होंने जयप्रकाश के कारण ही आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। यहां बता दें कि जेपी उस वक्त देश में नेताओें को इंदिरा के विरोध में भड़का रहे थे और दंगों के लिए प्रेरित भी करते थे। भारत में उस समय जेपी सहित देश के करीब सवा लाख विपक्षी नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया था और सरकार ने प्रेस पर कठोर सेंसरशिप लगाई थी। आचार संहिता के दौरान इस एप से जनता कर सकेगी नेताओं की शिकायत इंदिरा गांधी ने जेपी आंदोलन में शामिल दलों पर ये आरोप भी लगाया था कि ये सांप्रदायिक भावना उभारने वाले और देश की एकता भंग करने वाले व्यक्ति हैं, इसके अलावा स्वयं जेपी व अन्य कई लोग पुलिस को भड़काने के सभी आरोपों को गलत बताते रहे हैं। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी ने उस समय देश में इमरजेंसी लगा दी थी और 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह पराजित करके आम लोगों ने यह बता दिया कि इमरजेंसी लगाने का आधार गलत था गुजरात में उत्तरभारतीयों पर हमला, कांग्रेस ने दी पीएम मोदी को धमकी ! इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के बाद उन्होंने देश में यह संदेश फैलाया था कि मुझे विश्वास है कि आप सभी गहरे और व्यापक षडयंत्र से अवगत होंगे लेकिन देश के हित और विकास के लिए कुछ करना जरूरी था। इसके अलावा इंदिरा गांधी ने जयप्रकाश पर देश में दंगे भड़काने का भी आरोप लगाया था और इन्हीं आरोपों के कारण देश में इमरजेंसी लगाई गई थी। खबरें और भी बड़ा खुलासा, इंदिरा गाँधी नहीं बनाना चाहती थीं सोनिया को बहु राजनैतिक चक्रव्यूह में फसी राफेल डील, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला बीजेपी नेता के विवादित बोल, महात्मा गाँधी से की अमित शाह की तुलना, राहुल को बताया 'खानदानी चोर'