WHO : तय समय पर अपना योगदान करता है भारत

भारत के पड़ोसी चीन के वुहान शहर में उपजे कोविड-19 महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भूमिका को लेकर वैश्विक कूटनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए डब्लूएचओ को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर रोक लगा दी है. अमेरिका का कहना है कि डब्ल्यूएचओ ने चीन से उपजी इस महामारी को लेकर दुनिया को समय पर आगाह नहीं किया. आस्ट्रेलिया, जापान समेत दूसरे देश भी दुनिया के इस सबसे बड़े स्वास्थ्य संगठन के आचरण पर अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं.

सिलिंडर उपलब्ध करा रहे कर्मचारी की जान गई तो परिवार को देंगे इतने रूपये

माना जा रहा है कि अभी अमेरिका व चीन दोनों इस संगठन में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले देशों में है और दोनों पर इसका अभी करोड़ों डॉलर का बकाया है. जबकि भारत उन देशों में शामिल है जो अपने हिस्से की राशि हमेशा समय पर देता रहा है. डब्ल्यूएचओ ही नहीं संयुक्त राष्ट्र के दूसरे संगठनों को भी समय पर भुगतान करने के लिए भारत को जाना जाता है.

आखिर क्यों भारत ने चीन भेजा मालवाहक विमान ?

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस वर्ष अमेरिका पर डब्ल्यूएचओ का 9.916 करोड़ डॉलर और 9.912 स्विस फ्रैंक की राशि बकाया है. इसमें से 5.78 करोड़ डॉलर व 5.90 करोड़ स्विस फ्रैंक का बकाया चालू वर्ष का है जबकि शेष राशि पहले का बकाया है. दूसरी तरफ भारत ने वर्ष 2020 के लिए डब्ल्यूएचओ के बकाये 19,95,205 अमेरिकी डॉलर का भुगतान कर दिया है, जबकि स्विस फ्रैंक में बकाये 20,37,104 राशि का भुगतान अभी नहीं किया है. विदेश मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि भारत उन देशों में से है जो डब्ल्यूएचओ को सबसे समय पर अपनी बकाये राशि का भुगतान करता है.

आसानी से मिल जाएंगे कोरोना मरीज, इस उपकरण को बना रहे वैज्ञानिक

अवैध शराब पर पुलिस मार रही थी छाप, हो गया भयानक हादसा

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन ने की उच्‍चस्‍तरीय बैठक, निकल सकता है कोरोना का उचित समाधान

 

Related News