नई दिल्ली: कार्बन डाईऑक्साइड गैस उत्सर्जन के मामले में भारत विश्व में चौथे पायदान पर है, ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार कार्बन डाईऑक्साइड गैस उत्सर्जन के मामले में भारत की वैश्विक भागीदारी सात प्रतिशत है, इस सूची में चीन 27 प्रतिशत भागीदारी के साथ पहले स्थान पर है. अमेरिका 15 प्रतिशत के साथ दूसरे, यूरोपीय संघ 10 प्रतिशत के साथ तीसरे पायदान पर है. दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन में इन चार देशों की 58 प्रतिशत भागीदारी है, बाकी सभी अन्य देश समग्र रूप स 42 फीसद कार्बन का उत्सर्जन करते है. अब जल्द ही आप तक ड्रोन से पहुंचेगा खाना, यह कंपनी ला रही है नई योजना अध्ययन में पता चला है कि भारत का यह उत्सर्जन वर्ष 2018 में भी औसतन 6.3 प्रतिशत की दर से जारी है, सभी तरह के ईंधनों के इस्तेमाल में वृद्धि देखि गई है. कोयला (7.1 फीसद), तेल (2.9 फीसद) और गैस (6.0 फीसद) जैसे उत्पादों के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है. वहीं 2017 में यह वृद्धि 2 प्रतिशत अनुमानित की गई थी, क्योंकि सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए थे. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की ऊर्जा जरुरत को पूरा करने के लिए कोयला अभी भी मुख्य भूमिका निभा रहा है और ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए यह कहना कठिन है कि सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा से बिजली बनाने का काम इसकी जगह आ सकता है. अब आंध्र प्रदेश में भी फूड पार्क खोलेगी पतंजलि, 33,000 लोगों को मिलेगा रोजगार भारत और चीन कोयले का काफी उपयोग करते हैं, 2018 में इसकी अधिक खपत की उम्मीद है. कोयले की निर्भरता कम करने के लिए भारत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन किया गया है, भारत भी सौर ऊर्जा की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहा है, कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भारत 2020 तक कोयला मुक्त ऊर्जा की रणनीति पर भी काम कर रहा है. खबरें और भी:- जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट से कांग्रेस होगी बाहर, प्रस्ताव लाएगी सरकार शेयर बाजार : तीन दिन की बड़ी गिरावट के बाद बाजार में आज दिखी रिकवरी आज फिर गिरे पेट्रोल-डीज़ल के दाम, दिल्ली में 71 के नीचे आई कीमत, जानिए अन्य महानगरों के भाव