जबलपुर: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मिशनरियों से अधिक सेवा हिंदू संत करते हैं। उन्होंने शिक्षा की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया जाना चाहिए। भागवत ने कहा कि आजकल मिशनरियों का बोलबाला है, मगर हमारे संत उनसे अधिक सेवा करते हैं। मैं यह सच कह रहा हूं। भागवत ने कहा कि भारत 'विश्व गुरु' बनने जा रहा है, मगर उसे सद्भाव के साथ वह मुकाम हासिल करना होगा। RSS प्रमुख नरसिंह मंदिर में जगद्गुरु श्याम देवाचार्य जी महाराज की मूर्ति के अनावरण समेत तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर में थे। उन्होंने मध्य प्रदेश शहर में मानस भवन में एक व्याख्यान श्रृंखला को संबोधित किया। भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को शिक्षित करने से पूरी दुनिया का भला होगा, मगर हमें समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाना है तथा समृद्धि लानी है। इससे पहले मोहन भागवत ने कहा था कि भारत के 'विश्वगुरु' बनने की दिशा में प्रगति को धीमा करने के लिए हमारे खिलाफ गलत धारणाएं तथा विकृत जानकारी फैलाई जा रही है। मुंबई में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि 1857 के पश्चात् (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद) देश के बारे में इस प्रकार की भ्रांतियां फैलाई गईं, लेकिन स्वामी विवेकानंद ने ऐसे तत्वों को मुंहतोड़ जवाब दिया। ये गलत धारणाएं हमारी प्रगति को धीमा करने के लिए फैलाई जा रही हैं क्योंकि दुनिया में कोई भी तर्क के आधार पर हमसे बहस नहीं कर सकता है। साथ ही भागवत ने कहा था कि जो लोग हिंदू राष्ट्र में भरोसा नहीं करते हैं, वे भी सोचते हैं कि भारत को विकास करना चाहिए। 1857 के पश्चात् पूरा भारत एक होने लगा। समाज में जागृति आने लगी और फिर कुछ समय गुजरने के पश्चात् हम जवाब देने की स्थिति में आ गए। स्वामी विवेकानंद ने उत्तर देना आरम्भ किया। और जो लोग हमें गुलाम बनाना चाहते थे, उन्होंने महसूस किया कि उनको सोच बदलनी चाहिए। आज भी संघर्ष जारी है। हमें नई पीढ़ी को पढ़ाना है। अगले 20 या 30 सालों में, भारत विश्व गुरु होगा। मगर उसके लिए अगली 2-3 पीढ़ियां बनानी होंगी। आंधी के कारण डायवर्ट हुई जयपुर-दिल्ली फ्लाइट मुंबई-भोपाल के बाद पटना में चड्डी-बनियान गैंग ने मचाया आतंक, दुकान से उड़े 2 लाख रुपये मैहर माता मंदिर से हटाए जाएं सारे मुस्लिम कर्मचारी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने किया फैसले का स्वागत