नई दिल्‍ली। भारत द्वारा चीन के वन बेल्ट वन रोड़ सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया गया है। दरअसल यह ऐसा अधोसंरचनात्मक विकासीय प्रोजेक्ट है जो एशिया को योरप से जोड़ेगा मगर ये भारत के हितों को प्रभावित कर सकता है इसलिए भारत ने इसका विरोध किया है। भारत की ओर से कहा गया है कि भारत के प्रतिनिधि इसमें अपने प्रतिनिधियों को भागीदारी करने के लिए नहीं भेजेगा। गौरतलब है कि चीन द्वारा अन्य देशों के साथ मिलकर पार्ट, रेलवे और सड़क संपर्क विकसित करने की योजना पर मंथन कर रहा है लेकिन भारत द्वारा इसका बहिष्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत पहले भी कहता है है कि इस प्रोजेक्ट का एक भाग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से निकलेगा जिसके कारण यह माना जा रहा है कि भारत के हित प्रभावित हो सकते हैं और सुरक्षा लिहाज से भी यह भारत के लिए उचित नहीं हो सकता है। हालांकि पाकिस्तान और श्रीलंका ने इस सम्मेलन में भागीदारी की बात कही है। नेपाल ने चीन के साथ इस प्रोजेक्ट को लेकर होने वाले चिंतन को लेकर हस्ताक्षर किए ऐसे में भारत की परेशानी बढ़ गई है। भारत नेपाल के रवैये से चिंतित है। चीन में 14 मई और 15 मई को आयोजित होने वाले वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट से पूर्व नेपाल ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत द्वारा इस प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है। उसका कहना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट से पीओके में निर्माण कार्य किया जाएगा और यह उसके लिए मुश्किलभरा हो सकता है। गौरतलब है कि भारत चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विरोध कर चुका है। भारत की रेटिंग नहीं बढ़ाने की आलोचना के बाद फिच का आया बयान PAK ने नौशेरा सेक्टर में दागे मोर्टार, पिता और मासूम बच्ची की मौत गश्ती के दौरान सेना की टुकड़ी पर आतंकी हमला