रूसी कंपनी गैजप्रोम का पोत भारत के पेट्रोनेट एलएनजी के गैस आयात टर्मिनल पर पहुंचा. इसके साथ ही भारत को रूस से एलएनजी की पहली ट्रिप मिली. भारत दुनिया भर में तरल प्राकृतिक गैस का चौथा बड़ा खरीदार है और अपने आयात के स्रोता का विस्तार कर रहा है. इसके साथ ही भारत ने दुनिया की टॉप लिस्टेड नैचरल गैस कंपनी से गैस के आयात के साथ ही अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है. बता दें कि इसके अलावा भारत ने 25 अरब डॉलर की इस डील के जरिए अमेरिका के साथ ही रूस को भी साधा है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहाँ कहा, भारत की ऊर्जा यात्रा में आज के दिन को बहुत बड़ी कामयाबी के रूप में याद किया जायेगा. उन्होंने कहा हमने सबसे पहले कतर से आने वाले एलएनजी के दाम को लेकर नए सिरे से बातचीत की , उसके बाद आस्ट्रेलिया की आपूर्ति पर काम किया और अब रूस से नई शर्तों के तहत एलएनजी मंगाई जा रही है. इसके साथ ही प्रधान ने कहा कि भारत गेल की ओर से 2012 में साइन की गई डील के तहत रूस से हर साल 1.5 अरब डॉलर की गैस का आयात करेगा. भारत में मारुति ने 2 करोड़ वाहन उत्पादित किए सेंसेक्स 75 अंक गिरा एनपीए समस्या समाधान की कार्य योजना बनाएं - संसदीय समिति