दूरसंचार संगठन ने की अपील, इंटरनेट का इस्तेमाल करें जिम्मेदारी से

देशभर में लॉकडाउन के बीच दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओएआई ((सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने बुधवार को कहा कि मोबाइल उपभोक्ता जिम्मेदारी से इंटरनेट (डाटा) का उपयोग करें ताकि दूरसंचार नेटवर्क के बुनियादी ढांचे पर दबाव कम हो और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण सेवाएं सुचारू रूप से चल सकता है । इसके साथ ही सीओएआई ने ऐसे समय में लोगों से यह अपील की है, जब लॉकडाउन की अवधि में वर्क फ्रॉम होम और सामुदायिक दूरी जैसे उपायों की वजह से बीते कुछ दिनों में डाटा खपत में 30 फीसदी तक की तेजी आई है। सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा, लोगों से बिना जरूरत इंटरनेट का उपयोग नहीं करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही वे जिम्मेदारी से ही इसका इस्तेमाल करें ताकि ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं, भुगतान और इंटरनेट से जुड़ीं अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं सुचारू एवं निर्बाध रूप से चल सकें। वहीं उन्होंने कहा, इंटरनेट इस्तेमाल के लिए मोबाइल उपभोक्ता ऑफ-पीक ऑवर जैसे सुबह या देर शाम का समय चुन सकते हैं। इसके साथ ही इससे पहले सीओएआई ने हाल में सरकार को पत्र लिखकर फेसबुक, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसी कंपनियों से नेटवर्क पर बोझ कम करने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।  

एचडी और अल्ट्रा एचडी सामग्री पर रोक दूरसंचार नेटवर्क पर दबाव कम करने के लिए गूगल, फेसबुक, टिकटॉक, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, हॉटस्टार वायकॉम-18, एमएक्स प्लेयर, जी और सोनी जैसी वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों ने लॉकडाउन अवधि के दौरान एचडी और अल्ट्रा एचडी सामग्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है। इन कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा, राष्ट्रीय और उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए 14 अप्रैल तक के लिए इन सामग्रियों के प्रसारण पर रोक का फैसला किया गया है।

कम होगा 25 फीसदी ट्रैफिक नेटफ्लिक्स के उपाध्यक्ष (कंटेंट डिलीवरी) केन फ्लोरेंस ने कहा, संकट को देखते हुए हमने अपनी सेवा की गुणवत्ता बनाए रखते हुए दूरसंचार नेटवर्क पर नेटफ्लिक्स के ट्रैफिक को 25 फीसदी कम करने का तरीका विकसित किया है। इसलिए उपभोक्ताओं को उनके प्लान के साथ आने वाली गुणवत्ता मिलती रहेगी। इससे भीड़भाड़ वाले नेटवर्क को काफी राहत मिलेगी और भारत में अगले 30 दिनों तक इस उपाय को लागू किया जाएगा। वहीं, फेसबुक प्रवक्ता ने कहा कि दूरसंचार नेटवर्क पर किसी भी तरह के संभावित जाम से बचने के लिए हम भारत में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर वीडियो की बिटरेट अस्थायी तौर पर कम करेंगे।

क्या है बिटरेट किसी वीडियो की बिटरेट ही उसकी गुणवत्ता तय करती है। इससे पता चलता है कि कितना डाटा स्थानांतरित किया जा रहा है। किसी वीडियो का बिटरेट ज्यादा होना यह बताता है कि उस वीडियो की गुणवत्ता अच्छी है। 

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