नई दिल्ली: देश में इस समय न्यायाधीशों की भारी कमी देखने को मिल रही है। हाल में भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी इस बात की पुष्टि की थी। कि देश की निचली अदालतों में जजों की संख्या काफी कम है। जिससे हजारों मामले अभी भी पेंडिंग पड़े हुए हैं और उन पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 13 और उत्तराखंड हाईकोर्ट के लिए तीन नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश सरकार को भेजी है और साथ ही ओडिशा हाईकोर्ट में भी 6 नए जजों को नामित किया गया है। दिवाली पर जनता को सरकार ने दिया बड़ा झटका, पेट्रोल-डीजल के दाम कर देंगे हैरान यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जजों की नियुक्तियों पर गंभीर विचार किया जा रहा है और साथ ही कई स्थानों पर कोर्ट ने जजों की नियुक्ति कर भी दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में जस्टिस मदन बी लोकुर और कूरियन जोसेफ भी शामिल हैं। इसके अलावा कॉलेजियम ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जज बनने के लिए रविंद्र मैठाणी, नारायण सिंह धानिक और रमेश चंद्र खुबे के नाम सरकार को दिए हैं। पाक की नापाक हरकत: सुबह बांटी दिवाली की मिठाई शाम को दागा स्नाइपर शॉट, घायल हुआ भारतीय जवान गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्तियों को लेकर कुछ दिनों पहले चिंता व्यक्त की गई थी। वहीं अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से 15 नामों की सिफारिश न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए की थी, लेकिन शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने इनमें से दो नामों को योग्यता के मानक पर खरा नहीं पाते हुए महज 13 नामों को ही हाईकोर्ट का जज बनाए जाने के लिए स्वीकृत किया है। खबरें और भी अगर 10 बजे के बाद फोड़े पटाखे तो आपके खिलाफ दर्ज हो जाएगा मामला नक्सलियों को फांसी की सजा सुनाने वाले जज के खिलाफ लगे पोस्टर, खून-खराबे की दी धमकी सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के दौरान महिला का हुआ विरोध, 200 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज