नई दिल्ली: भारत के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को धारा 375 के लिए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई से साफ इनकार कर दिया। जानकारी के अनुसार बता दें कि कोर्ट में दायर की गई याचिका में बलात्कार के कानून को खत्म करने की मांग की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए उस पर सुनवाई नहीं की है। पीएम मोदी लाइव : वाराणसी पहुंचे पीएम, जनता के नाम करेंगे 2000 करोड़ से ज्यादा की योजनाएं यहां बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 में केवल पुरुष द्वारा महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं के बारे में कहा गया है। इसके अलावा एक तरह से इस धारा में बलात्कार की परिभाषा बताई गई है। कि कौन सी परिस्थितियों में कौन सी घटनाओं को बलात्कार माना जाएगा। यहां बता दें कि याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि मामला कानून से संबंधित है, इसलिए हम इसमें दखल देने के इच्छुक नहीं हैं। भारतीय स्टेट बैंक: 1 दिसंबर से बैंक ग्राहकों को नहीं देगा यह सर्विस गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस याचिका पर ज्यादा बहस न करते हुए इस पर तुरंत ही जबाव दे दिया गया है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में दखल देने का यह सही समय नहीं बताया है। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कॉल ने कहा कि क्यों पुरुषों के बलात्कार के लिए महिलाओं को भी दोषी नहीं ठहराया जाता और किसी पुरुष को दूसरे पुरुष के बलात्कार के लिए दोषी क्यों नहीं ठहराया जा सकता। बता दें यौन शोषण का ये कानून साल 2013 में ही संशोधित किया गया था। खबरें और भी भारत-मोरक्को के बीच महत्वपूर्ण समझौता, आपराधिक और कानूनी मामलों में करेंगे एक दूसरे की मदद PM मोदी लाइव : पीएम ने 206 करोड़ के वॉटर हाईवे टर्मिनल का किया उद्घाटन देश पर अंधविश्वास का साया, दो राज्यों में तीन की मौत