व्लादिवोस्तोक (रूस) : सात दशकों से जारी भारत-रूस मैत्री तब और पुख्ता हो गई जब रूस द्वारा आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी हिस्सा लिया. बता दें कि इस फोरम का उद्देश्य रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और व्‍यापार के अनुकूल माहौल बनाना है. भारतीय विदेश मंत्री ने भारत और रूस के सम्बंध को चट्टान जैसा मजबूत बताया. उल्लेखनीय है कि सुषमा स्‍वराज ने यहाँ व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में रूस डेस्‍क का उद्घाटन भी किया। रूस डेस्‍क के लॉन्‍च किये जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर उन्‍होंने इसे ऐतिहासिक बताया। इस साल फोरम का उद्देश्य रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए व्‍यापार के अनुकूल माहौल बनाना है। इसके पूर्व सुषमा स्‍वराज ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी द्विपक्षीय मुलाकात कर आर्थिक सम्बंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की। बता दें कि फोरम में सुषमा ने बताया कि भारत ने रूस के तेल क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर (करीब 35, 289 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। भारत में रूस ने भी सबसे बड़ा 12.9 अरब डॉलर (82, 769 करोड़ रुपये) का निवेश भी तेल क्षेत्र में ही किया है।गत सात दशकों से एक-दूसरे के साझीदार रहे भारत और रूस के सम्बंध बेहतर रहे हैं जिसका हर क्षेत्र में विस्तार हुआ है। रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी आज इस फोरम में शामिल होंगे और 'द फार ईस्‍ट: क्रिएटिंग न्‍यू रियलिटी' सत्र में अपने विचार रखेंगे। यह भी देखें भारत 400 मीटर दूर से ही मार गिराऐगा दुश्मन के एयरक्राफ्ट जब आसमान से बरसी मौत में, 30 लाख लोग बने थे शिकार