एक ओर भारत में दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। तो दूसरी ओर देश के सीमावर्ती क्षेत्रों से पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा में हमला करने की जानकारी सामने आ रही है। इसी के साथ भारत के गांवों में सुनाई दे रही है मातमी चीख और आक्रोशित लोगों के मुंह से निकले भारत माता की जय के जयकारे गूंज रहे हैं। आखिर यह किस तरह का देश है। जिसका प्रारंभ भारत विभाजन से ही हुआ जिस देश का इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है वह देश जमीन के एक टुकड़े और थोथी आतंकी विचारधारा के लिए मानव को ही मार रहा है। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को मजबूत कर चुका है जबकि पाकिस्तान को आतंक के पौषक के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घिर चुका है। मगर भारतीय रणनीतिकार अभी भी पाकिस्तान को अपने सीमा क्षेत्र में दाखिल होने भर से रोक रहे हैं। भारत से एक और तगड़ी सर्जिकल स्ट्राईक की उम्मीद की जा रही है लेकिन अभी इसे लेकर कुछ भी निर्णय नहीं लिया गया है। पाकिस्तान को बयानबाजियों से घेरा जा रहा है। हालांकि भारत की अंतर्राष्ट्रीय नीति का असर विश्वभर में हुआ है और भारत का तर्क मजबूत हो गया है। अब तो अमेरिका ने तक सहायता देने से इन्कार किया है और उसे चेताया गया है कि आतंक के खिलाफ वह ठोस कार्रवाई करे। हालांकि पाकिस्तान पर उचित कार्यवाई को लंबा समय हो जाने से भारत की सीमा पर तैनात सैनिकों का नुकसान हो रहा है और भारत को अपने सैनिकों को खोना पड रहा है। युद्ध किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होता लेकिन कई बार इसकी आवश्यकता भी होती है यदि पाकिस्तान की ओर से सीज फायर का उल्लंघन जारी रहा और आतंकी भारत में दाखिल होने का प्रयत्न करते रहे तो भारत को एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान चलाना पड़ सकता है। जहां तक सवाल भारत पर युद्ध से उपजे आर्थिक बोझ के डाले जाने का आता है तो देश को सैनिकों के जीवन का एक बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। यह भारत को हर ओर से कमजोर कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ एक ठोस कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।