नई दिल्ली। भारत ने रूस से आयातित औषधि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उपयोग होने वाले रसायन की डंपिंग को लेकर डंपिंग रोधी जांच शुरू की है। घरेलू कंपनियों की शिकायतों पर यह कदम उठाया गया है। दीपक नाइट्रेट लि. ने मामले में डंपिंग रोधी जांच शुरू करने तथा सोडियम नाइट्रेट के आयात पर शुल्क लगाने के लिए डंपिंग रोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशलय डीजीएडी के समक्ष आवेदन दिया था। डीजीएडी की अधिसूचना के अनुसार प्रथम दृष्ट्या रूस से रसायन की डंपिंग के पर्याप्त साक्ष्य पाये गए। इसमें कहा गया है कि साक्ष्य जांच शुरू करने को युक्तिसंगत करार देते हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाला डीजीएडी जांच इकाई है। अधिसूचना के मुताबिक प्राधिकरण ने कथित डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को नुकसान की जांच शुरू की है ताकि डंपिंग की मात्रा और प्रभाव का पता लगाया जा सके। जांच में अगर यह स्थापित होता है कि डंपिंग से घरेलू कंपनियों को नुकसान हुआ है, डीजीएडी रूस से आयातित रसायन के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है। जांच की अवधि अक्टूबर 2016 से सितंबर 2017 होगी। हालांकि घरेलू कंपनियों के नुकसान के आकलन के लिये जांच 2014 से 2017 की अवधि के लिये की जाएगी। FBB सुपर 60 सेल में मिल रहा डिस्काउंट एयर डेक्कन ने मुंबई से जलगांव के लिए भरी उड़ान मेट्रो स्टेशन के अंडरपास में जा घुसी बस