वाशिंगटन: भारत ने आधिकारिक तौर पर ईरान से तेल इम्पोर्ट करना बंद कर दिया है. भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है. क्या यूएस के ईरान पर थोपे गए प्रतिबंधों को मानने के लिए विवश हुआ? इस प्रश्न पर हर्षवर्धन कुछ कहने से बचे, किन्तु उन्होंने यह अवश्य कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से भारत को नुकसान पहुंचा है. भारत की ईरान पर कच्चे तेल के लिए बहुत अधिक निर्भरता रही है. अब भारत को ईरान का नया विकल्प तलाशना होगा. कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत ने अमेरिका से ईरान से तेल आयात को लेकर दी गई रियायत को बढ़ाने का अनुरोध किया था, किन्तु यूएस ने कोई रियायत नहीं दी. सूत्रों के अनुसार, सत्ता में दोबारा वापसी के बाद मोदी सरकार यूएस प्रतिबंधों को मानने के बाद भी एक बार फिर से ईरान से तेल खरीदने की संभावना पर मंथन कर सकती है. भारत तुर्की सहित उन देशों की कतार में शामिल हो गया है, जिन्होंने ईरान से तेल आयात आधिकारिक तौर पर रोक दिया है. विश्लेषकों को शक था कि भारत शायद ईरान के सस्ते तेल की खरीदारी पूर्णतः बंद नहीं करेगा, भले ही यूएस भारत को सऊदी अरब और यूएई से तेल आपूर्ति का रास्ता क्यों ना दिखा रहा हो. सऊदी अरब और यूएई से तेल आपूर्ति में भारत को वो सारी छूटें नहीं मिलेंगी, जो अब तक ईरान से मिलती रही हैं. वर्ल्डकप में उतरते ही गेल बना देंगे यह बड़ा रिकॉर्ड, सचिन-लारा पहले से हैं शामिल पीएम मोदी की जीत से बदला पाकिस्तान का रुख, सुषमा स्वराज के लिए खोला अपना एयरस्पेस भारत में हुए लोकसभा चुनाव दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा - अमेरिका