नई दिल्ली: 1947 में भारत का बंटवारा होने और इस्लामी मुल्क के रूप में पाकिस्तान बनने के बाद हिंदुस्तान को क्या घाटा हुआ था? इस पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा है कि जीबी पंत विश्वविद्यालय ने देश की सेवा उस वक़्त पर की थी, जब भारत के बंटवारे के कारण 22 मिलियन हेक्टेयर उपजाऊ भूमि पाकिस्तान के हिस्से में चली गई। ऐसे में देश की 35 करोड़ जनता के लिए अन्न पर्याप्त नहीं था। आजादी के वक़्त देश में 50 मिलियन टन खाद्यान उत्पादन होता था, जो आज के समय में बढ़कर 340 मिलियन टन हो गया है। बता दें कि NSA डोभाल ने जीबी पंत विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। डोभाल को इस मौके पर जीबी पंत विश्वविद्यालय ने विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। डोभाल ने कहा कि चीन में कुल क्षेत्रफल के मात्र 15 फ़ीसदी में कृषि कार्य होता है, मगर उत्पादकता में हम चीन से 22 फीसदी पीछे हैं। चीन का क्षेत्रफल भारत से ज्यादा है, मगर वहां महज 15 प्रतिशत भूमि पर खेती होती है। मौजूदा समय में भारत में 1.7 मिलियन स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में और चीन ने 1.4 मिलियन स्क्वायर भूमि में कृषि कार्य होता है, किन्तु चीन का उत्पादन हमारे यहां से 3 गुना अधिक है। डोभाल ने कहा कि हमें अपना उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए कहा कि, ऐसे में छात्र यह संकल्प लें कि आने वाले 10 वर्षों में भारत को विश्व में उत्पादकता में सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में ले जाएंगे। डोभाल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा भी राष्ट्रीय सुरक्षा का ही एक आयाम है। हमें दुनिया के कई अन्य देशों के लिए बड़ा निर्यातक बनना है। पन्त विवि के कारण देश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ है। 'विश्व में सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक होगा भारत..', NSA अजित डोभाल का बड़ा बयान रोटी का क़र्ज़ चुका गया कुत्ता ! अपनी जान देकर बचा ली ITBP जवानों की जिंदगी 'नितीश कैबिनेट में कांग्रेस को एक ही मंत्री मिलेगा...', तेजस्वी यादव की दो टूक