1974 को जब फोन पर आवाज़ आई बुद्ध मुस्कुराए, सारी दुनिया भारत को मान गई!

नई दिल्ली। 18 मई वर्ष 1974 का दिन, इस दिन बुद्ध मुस्कुरा दिए और हर कहीं भारतीय ज्ञान कौशल की सराहना होने लगी। अमेरिका को आश्चर्य हुआ कि भारत ने आखिर यह क्या किया। पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। आप सोच रहे होंगे कि आखिर बुद्ध कैसे मुस्कुरा सकते हैं और कैवल्य प्राप्त करने वाले बुद्ध से घबराहट कैसी। मगर हम महात्मा बुद्ध के मुस्कुराने की बात नहीं कर रहे हैं हम तो बात कर रहे हैं भारत द्वारा राजस्थान के पोखरण में किए जाने वाले परमाणु परीक्षण की।

दरअसल जब भारत ने पोखरण में सफलता के साथ परमाणु परीक्षण किया तो भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक वैज्ञानिक ने फोन कर कहा बुद्ध मुस्कुराए। इतना संदेश था और इसके बाद भारत ने सफल परमाणु परीक्षण किए जाने की घोषणा कर दी। दरअसल यह दशक वह था जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य न रहते हुए परमाणु परीक्षण करने का साहस किया। उनका कहना था कि भारत व पाकिस्तान के मध्य दुश्मनी चरम पर थी।

अमेरिका सोवियत संघ के विरूद्ध पाकिस्तानी एयरबेस का उपयोग कर रहा था। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भारत गुटनिरपेक्ष देश था। अमेरिका इससे नाराज़ था। उसका प्रयास था कि भारत प्रत्येक बात को लेकर उसका समर्थन करे। हालांकि परीक्षण के पहले ही देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का निधन हो गया।

इसके बाद होमी सेठना का कार्यकाल था। वैज्ञानिक राजा रमन्ना द्वारा आत्मकथा इयर्स आॅफ पिलग्रिमिज़ में यह लिखा गया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएन हक्सर, पीएन धर, वैज्ञानिक सलाहकार डाॅ. नाग,परमाणु ऊर्जा कमीशन के प्रमुख एचएन सेठना व राजा रमन्ना को ही जानकारी थी। बाबू जगजीवन राम तक को जानकारी पहले नहीं दी गई थी।

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18 मई के इतिहास की वो कुछ खास बातें - जरा आप भी तो जानें

 

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