नई दिल्ली: चीन के साथ जारी तनातनी के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में इंडियन नेवी के P-8I निगरानी विमान लगातार मंडरा रहे हैं और अब समुद्री युद्धक विमान MiG-29K को भी ऑपरेशन पर लगाने की कवायद चल रही है। नौसेना के इन युद्धक विमानों को एयरफोर्स के विभिन्न बेस पर तैनाती पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की मंशा के अनुसार की जा रही है। पीएम मोदी ने सेना के तीनों अंगों- आर्मी, नेवी और एयरफोर्स - में आपसी तालमेल कायम करने का निर्देश दिया है। वहीं CDS ने देश की उत्तरी या पश्चिमी सरहदों पर एयरफोर्स के साथ ही नौसेना के युद्धक विमानों को भी तैनात रखने के लिए कहा है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि, 'मिग-29 के लड़ाकू विमान को नॉदर्न सेक्टर में एयरफोर्स बेस पर तैनात किए जाने की योजना बनाई जा रही है। उनका उपयोग पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अभियानगत उड़ानों (ऑपरेशनल फ्लाइंग) के लिए हो सकता है।' इंडियन नेवी, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ जारी गतिरोध के बीच LAC पर निगरानी रखने में अहम् भूमिका निभा रही है। बॉर्डर के आसपास चीनी गतिविधियों पर निगाह रखने में नौसेना के विमानों की सहायता ली जा रही है। 2017 में डोकलाम में हुए विवाद के समय भी नौसेना के निगरानी विमानों का जमकर प्रयोग किया गया था। मजबूती के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ़्टी में हुआ शानदार कारोबार हांगकांग में कोहराम मचा सकता है कोरोना, जानकारों ने बोली चौकाने वाली बात राहुल बजाज ने किया बजाज फाइनेंस के चेयरमैन पद से हटने का ऐलान, कंपनी के शेयर टूटे