नई दिल्ली: फेक TRP के मामले में ‘इंडिया टुडे’ ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें इंडिया टुडे ने ये भी स्वीकार किया है कि उस पर ‘ब्रॉडकास्टर ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC)’ द्वारा जुर्माना ठोंका गया था। हालाँकि ‘इंडिया टुडे’ ने आरोप लगाते हुए है कि BARC ने बिना किसी पुष्ट प्रमाण और बिना न्यायिक कमिटी की जाँच के ही उस पर जुर्माना लगा दिया था। इसके साथ ही उसने BARC के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की भी धमकी देते हुए आरोप लगाया है कि उसने गोपनीय सुनवाई की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया। उसने BARC द्वारा उस पर जुर्माना लगाए जाने को एक ‘अलग मामला’ करार देते हुए हुए लिखा कि वो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करेगा, किन्तु उसने इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि आखिर उस पर जुर्माना लगने की वजह क्या थी। सूत्रों ने जानकारी दी थी कि ‘इंडिया टुडे’ को 5 लाख रुपए का जुर्माना भरने के लिए कहा गया था, क्योंकि उसने अपनी व्यूअरशिप बढ़ने के पीछे जो स्पष्टीकरण ‘BARC Disciplinary Council (BDC)’ को सौंपा, वह उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। व्यूअरशिप में दिख रही गड़बड़ी (malpractice) के बारे में टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड और BARC को 27 अप्रैल 2020 को कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था। इसके बाद टीवी टुडे द्वारा दिया गया उत्तर BARC डिसिप्लिनरी काउंसिल को संतोषजनक नहीं लगा। भारतीय रेलवे ने दी यात्रियों को राहत, नियमों में हुआ ये बदलाव सोने-चांदी की कीमतों में आया जबरदस्त उछाल, जानें क्या हैं ताजा भाव करदाता केवल 2018-19 के सालाना रिटर्न में उसी वर्ष का दे ब्योरा: वित्त मंत्रालय